अब विद्यालयों में होगी शैक्षणिक गुणवत्ता की जाँच

झाँसी : जनपद के बेसिक परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुधारने के बाद अब शैक्षणिक गुणवत्

By Edited By: Publish:Tue, 24 Nov 2015 01:19 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2015 01:19 AM (IST)
अब विद्यालयों में होगी शैक्षणिक गुणवत्ता की जाँच

झाँसी : जनपद के बेसिक परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुधारने के बाद अब शैक्षणिक गुणवत्ता की जाँच करायी जा रही है। इसके लिए प्रत्येक ब्लॉक के 50 विद्यालयों का चयन किया गया है। इस प्रक्रिया के तहत विद्यालयों को ग्रेडिंग दी जाएगी।

जनपद में बेसिक शिक्षा परिषद में शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए हुए प्रयासों की स्थिति की जाँच की जा रही है। पिछले दिनों शिक्षकों की उपस्थिति को बढ़ाने के लिए बीएसए कार्यालय में कण्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी थी। महानगर के विद्यालयों में टैबलेट देकर शिक्षकों व बच्चों की उपस्थिति की फोटो के आधार पर समीक्षा की योजना बनायी थी। अब इन योजनाओं का असर मापा जा रहा है। इसके चलते प्रत्येक ब्लॉक में रेण्डमली आधार पर 50 विद्यालयों का चयन किया गया है। इन विद्यालयों के शिक्षकों की बैठक में बीएसए सर्वदा नन्द ब्लॉक स्तर पर बैठक कर शैक्षणिक गुणवत्ता को लेकर प्रशिक्षण दे रहे हैं। अधिकतर ब्लॉक स्तर पर बैठक हो चुकी हैं। बड़ागाँव के बाद आज बबीना में यह बैठक हुई थी। इन बैठकों में शैक्षणिक गुणवत्ता की माप के लिए 3 दिसम्बर को होने वाली परीक्षा के बारे में बताया जा रहा है।

तीन विषयों की होगी परीक्षा

विद्यार्थियों की ग्रेडिंग के लिए हिन्दी, गणित व अंग्रेजी भाषा की परीक्षा होगी। प्रत्येक ब्लॉक में चयनित 50 विद्यालयों के विद्यार्थी इस परीक्षा में बैठेंगे। 10 अंक के आधार पर ग्रेडिंग ए, बी व सी प्रदान की जाएगी। इस तरह जनपद के लगभग 1,800 विद्यालयों में से 400 विद्यालयों में परीक्षा होगी और उसके आधार पर विद्यार्थियों की गुणवत्ता परखी जाएगी। यह परीक्षा केवल प्राथमिक विद्यालयों में होगी।

नए प्रयोगों पर कार्यवाही नहीं

स्कूलों में शिक्षक व विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने तथा शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने को लेकर प्रयास तो हुए है, लेकिन उसकी समीक्षा तय समय पर नहीं हो पा रही है। इन कार्यक्रमों के असर की चर्चा भी नहीं हो पा रही है। महानगर में टैबलेट के माध्यम से उपस्थिति सुधारने की प्रक्रिया शुरू हुई। पहले टैबलेट में नेटवर्क व तकनीकि खराबी, फिर शिक्षा मित्रों के आन्दोलन और अब पंचायत चुनाव के चलते यह प्रक्रिया परवान नहीं चढ़ पायी है। इस प्रक्रिया की समीक्षा को लेकर औपचारिक बैठक और उसके परिणाम भी सामने नहीं आए हैं। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षकों की उपस्थिति व गुणवत्ता में सुधार के लिए बने कण्ट्रोल रूम की प्रक्रिया की भी समीक्षा सामने नहीं आयी है। अब जनपद में एक नया प्रयोग किया जा रहा है, जिसके तहत ग्रेडिंग की परीक्षा हो रही है, जो शासन से तय मासिक, सत्र व अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षा से अलग है।

झाँसी जन महोत्सव आयोजित करने पर बनी सहमति

झाँसी : बुन्देलखण्ड की संस्कृति, लोक कला व सांस्कृतिक परम्परा का प्रतीक बने झाँसी महोत्सव को दोबारा शुरू कराने के लिए सामाजिक संगठन व गणमान्य नागरिक सामने आये हैं। सामाजिक संगठनों की पहल को जि़ला प्रशासन ने भी सहमति देकर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में सहयोग देने को कहा है।

महानगर के कई सामाजिक संगठन, बुद्धिजीवियों की बैठक मुकुन्द मेहरोत्रा की अध्यक्षता में हुई, जिसमें एकराय से बुन्देली संस्कृति की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए झाँसी जनमहोत्सव आयोजित कराने का निर्णय लिया गया। बैठक में जनसामान्य, जनसंगठनों व प्रशासन के साथ मिलकर बुन्देली विधा को प्रमुखता देते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। बुन्देली कलाकारों व वॉलीबुड कलाकारों के कार्यक्रम मुख्य मंच पर होंगे। झाँसी जन महोत्सव के शुभारम्भ के पहले बुन्देली परिवेश से जीवन्त शोभायात्रा निकाली जाएगी। उद्घाटन समारोह में रानी लक्ष्मीबाई के वंशज के साथ सभी जनप्रतिनिधियों को आमन्त्रित किए जाने पर चर्चा हुई। बैठक में व्यापारी नेता राजीव राय को मुख्य संयोजक बनाया गया, जबकि बुन्देली कार्यक्रमों की जिम्मेदारी पूर्व राज्यमन्त्री हरगोविन्द कुशवाहा को सौंपी गयी है। बैठक में वरिष्ठ पत्रकार मोहन नेपाली, पूर्व पालिकाध्यक्ष डॉ. धन्नूलाल गौतम, बीकेडी के प्राचार्य डॉ. बाबूलाल तिवारी, कर्मचारी नेता दिनेश भार्गव, डॉ. चन्द्रकान्त अवस्थी, रामकिशुन निरंजन, पूर्व पार्षद अरुण द्विवेदी, रंजना विद्रोही, प्रगति शर्मा, दीपशिखा शर्मा आदि उपस्थित रहे। मुख्य संयोजक ने बताया कि 22 दिसम्बर से 2 जनवरी तक सम्भावित झाँसी जन महोत्सव के आयोजन की अनुमति जि़ला प्रशासन ने दे दी है। आयोजन के लिए समितियां भी बनायी जा रही है, जिसके बाद विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया जाएगा।

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