रजिस्टर्ड डाक से तीन तलाक देने वाले शौहर पर वाद दर्ज

युवती को वाराणसी निवासी पति द्वारा रजिस्टर्ड डाक से तीन तलाक देने का वाद अदालत में दर्ज किया गया। अदालत ने थाने से रिपोर्ट मांगी तो पुलिस ने एक वर्ष पूर्व से चल रहे दहेज उत्पीड़न के मुकदमे का हवाला देते हुए रिपोर्ट भेजा कि उसी मुकदमे में इस धारा की बढ़ोत्तरी कर दी गई है जबकि उस समय तीन तलाक संबंधी कानून लागू ही नहीं हुआ था। गलत रिपोर्ट देने पर न्यायालय ने कोतवाल को केस डायरी के साथ व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में तलब किया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 06:55 PM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 06:55 PM (IST)
रजिस्टर्ड डाक से तीन तलाक देने वाले शौहर पर वाद दर्ज
रजिस्टर्ड डाक से तीन तलाक देने वाले शौहर पर वाद दर्ज

जागरण संवाददाता, जौनपुर: युवती को वाराणसी निवासी पति द्वारा रजिस्टर्ड डाक से तीन तलाक देने का वाद अदालत में दर्ज किया गया। अदालत ने थाने से रिपोर्ट मांगी तो पुलिस ने एक वर्ष पूर्व से चल रहे दहेज उत्पीड़न के मुकदमे का हवाला देते हुए रिपोर्ट भेजा कि उसी मुकदमे में इस धारा की बढ़ोत्तरी कर दी गई है, जबकि उस समय तीन तलाक संबंधी कानून लागू ही नहीं हुआ था। गलत रिपोर्ट देने पर न्यायालय ने कोतवाल को केस डायरी के साथ व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में तलब किया है।

कोतवाली क्षेत्र निवासी हेमा ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया कि 12 दिसंबर 2017 को उसका निकाह वाराणसी के मो.अब्बास के साथ हुआ था। दहेज में चारपहिया वाहन की मांग को लेकर 10 सितंबर 2018 की सुबह आठ बजे पति व ससुराल वाले उसे मारे पीटे और बोलेरो में बैठाकर कोतवाली चौराहे पर लाकर छोड़ दिये। उसने सुलह समझौता केंद्र में प्रार्थना पत्र दिया लेकिन ससुराल वाले उसे रखने को तैयार नहीं हुए। इस पर पति समेत आठ के खिलाफ कोतवाली थाने पर दहेज उत्पीड़न व मारपीट का मुकदमा 13 अप्रैल 2019 को दर्ज हुआ। गत 15 अगस्त 2019 की शाम सात बजे उसके शौहर उसके मायके आए और कहे कि कोर्ट में चलकर तलाक ले लो। हम लोगों का साथ रहना संभव नहीं है। जब वादिनी ने कहा कि वह दूसरा निकाह नहीं करेगी और न ही तलाक देगी तो गुस्से में आकर कहे कि मैं तुम्हें रजिस्टर्ड डाक से तीन तलाक दे चुका हूं। वादिनी ने कहा कि इस तरह का तलाक गैरकानूनी है तो कहा कि कचहरी दौड़ाओगी तो जिदा नहीं छोडूंगा। कोर्ट ने वाद दर्ज कर थाने से रिपोर्ट तलब किया तो पुलिस ने रिपोर्ट दिया कि दहेज उत्पीड़न वाले मुकदमे में तीन तलाक की धाराओं की बढ़ोतरी कर दी गई है जबकि उस समय तीन तलाक कानून लागू ही नहीं हुआ था।

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