अनुपस्थित कर्मचारियों को सीएमओ का स्पष्टीकरण नोटिस

मुख्य चिकित्साधिकारी डा.रामजी पांडेय ने शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सीएमओ के तेवर गर्म रहे। निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित रहे कर्मचारियों को स्पष्टीकरण नोटिस भेजा जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Sep 2019 07:22 PM (IST) Updated:Fri, 06 Sep 2019 07:22 PM (IST)
अनुपस्थित कर्मचारियों को सीएमओ का स्पष्टीकरण नोटिस
अनुपस्थित कर्मचारियों को सीएमओ का स्पष्टीकरण नोटिस

जागरण संवाददाता, केराकत (जौनपुर) : मुख्य चिकित्साधिकारी डा. रामजी पांडेय ने शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सीएमओ के तेवर गर्म रहे। उन्होंने सीएचसी में अनुपस्थित कर्मचारियों को स्पष्टीकरण नोटिस भेजा।

लगभग साढ़े दस बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे मुख्य चिकित्साधिकारी डा. रामजी पांडेय ने सर्वप्रथम दवा वितरण कक्ष पहुंचे। सीएमओ को देखते ही कर्मचारियों के हाथ-पांव फूल गए। देखते ही देखते सभी कर्मचारी मौके पर पहुंचे। दवा वितरण कक्ष में उन्होंने मौजूद फार्मासिस्ट अशोक त्रिपाठी से जानकारी ली और वापस कार्यालय में बैठकर उपस्थित कर्मचारियों को बुलाकर बैठक ली। इस दौरान चीफ फार्मासिस्ट उदयभान यादव को फटकार लगाते हुए दवा वितरण कक्ष के बाहर दवा लिस्ट लगाने का निर्देश दिया। दवा वितरण कक्ष में पारदर्शी आलमारी रखने का निर्देश दिया। अन्य स्टाफ से उनके काम और प्रगति के विषय में जानकारी ली।

इस दौरान क्षेत्रीय लोगों ने सीएमओ से सर्जन, हड्डी रोग विशेषज्ञ और महिला चिकित्सक की मांग की, जिस पर उन्होंने कहा कि जिले में चिकित्सकों और फार्मासिस्ट की कमी है। इसके बावजूद यहां एक चिकित्सक की और नियुक्ति होगी। पूर्व चिकित्साधीक्षक डा. विशाल सिंह यादव के स्थानांतरण पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत है, उनके खिलाफ गबन का भी मामला है जिसकी जांच चल रही है। पूर्व चिकित्साधीक्षक को कमरा खाली करने की नोटिस

मुख्य चिकित्साधिकारी के आने पर तीन नोटिस दिया गया। पहली नोटिस के मुताबिक आपरेशन थिएटर की एसी पूर्व चिकित्साधीक्षक ने अपने कमरे पर लगा रखी है, दूसरा नोटिस स्थानांतरण के बावजूद कमरा खाली न करने के संबंध में और तीसरा नोटिस जिसमें एक प्राइवेट ड्राइवर काफी दिन से सीएचसी परिसर के आवास पर रहता है, को लेकर जारी किया गया। नोटिस मिलने के बाद एसी के मामले में पूरे परिसर में खलबली मची है। एसी कब और कैसे पूर्व चिकित्साधीक्षकों ने इसे अपने कमरे पर लगा लिया, यह जांच का विषय है।

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