देखते ही देखते राख का ढेर बन गई बस्ती

जागरण संवाददाता, बरईपार (जौनपुर) : मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के धनौवा बस्ती में बुधवार की रात करीब साढ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Mar 2017 01:00 AM (IST) Updated:Fri, 24 Mar 2017 01:00 AM (IST)
देखते ही देखते राख का ढेर बन गई बस्ती
देखते ही देखते राख का ढेर बन गई बस्ती

जागरण संवाददाता, बरईपार (जौनपुर) : मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के धनौवा बस्ती में बुधवार की रात करीब साढ़े दस बजे अज्ञात कारणों से आग लग गई। इससे दो दर्जन से अधिक रिहायशी छप्पर नष्ट हो गए। उसमे रखे गहने, कपड़े, खाद्य सामग्री, रुपये आदि जल गया। कई परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए। प्रधान ने किसी तरह भोजन बनवाकर सभी का पेट भरा।

बस्ती में रात को अचानक कल्पनाथ के छप्पर से आग लग गई। शोर-शराबा हुआ तो गांव के लोग बाल्टी लेकर आग बुझाने के लिए दौड़ पड़े। आग बुझने के बजाए विकराल रूप लेती जा रही थी। देखते ही देखते सुबाष, फूलचंद, संतलाल, दयाराम, राजनाथ, अमरनाथ, रमाशंकर, हीरालाल, मोतीलाल, गुलजारी, हरी शंकर, प्रदीप, जय¨हद, नाविन्द, बुधिराम, सीता, जिलेदार, महंथ, शोभई, यशोदा, नौरंगी के रिहायशी छप्पर भी धू-धू कर जलने लगे। सूचना मिली तो कोतवाल भी फायर ब्रिगेड के साथ रात करीब 12 बजे पहुंच गए। घंटों मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

झप्पर के साथ ही उसमें रखे गृहस्थी का सामान भी नष्ट हो चुका था। आग का तांडव देख परिवार के लोग दहाड़े मार रोते रहे। रात में ही तहसीलदार अर¨वद कुमार, लेखपाल बाबूराम यादव ने मौके पर पहुंच कर नुकसान का जायजा लिया।

प्रधान ने जलवाया चूल्हा

आग में कई परिवारों को सबकुछ खत्म हो गया। सिर्फ शरीर पर पहने हुए कपड़े ही बचे हैं। अन्न का एक दाना भी नहीं बचा तो सुबह बच्चे और बड़े परेशान हो गए। इसके बाद ग्राम प्रधान जीरकपुर संतोष उमर व प्रधान धनौवा ने सभी को आटा, दाल, तेल मसाला आदि देकर चूल्हा जलवाया।

1999 में भी जल चुकी है बस्ती

बुधवार की रात लगी आग से परेशान बुजुर्गों की मानें तो वर्ष 1999 में बस्ती भीषण आग का शिकार हो चुकी है। उस आग से पूरी बस्ती ही राख का ढेर बन गई थी। 18 साल बाद फिर आग के तांडव से वह भयानक मंजर याद आ गया। वहीं आग में सब कुछ बर्बाद हो जाने से बस्ती की महिलाएं और बच्चे रोते-बिलखते रहे।

chat bot
आपका साथी