ई-शक्ति के जरिए हाइटेक हुए 1104 महिला समूह
जिले में नाबार्ड की तरफ से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुल 2800 स्वयं सहायता समूह चलाए जा रहे हैं इसमें से 2400 समूह सक्रिय हैं। इन्हें डिजिटल इंडिया से जोड़कर हाइटेक किया जा रहा है। इसमें अब तक 1104 समूहों को पूर्ण रूप से डिजिटल किया जा चुका है। 405 समूहों की क्रेडिट लिमिट भी तैयार की गई है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : जिले में नाबार्ड की तरफ से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुल 2800 स्वयं सहायता समूह चलाए जा रहे हैं, इसमें से 2400 समूह सक्रिय हैं। इन्हें डिजिटल इंडिया से जोड़कर हाइटेक किया जा रहा है। इसमें अब तक 1104 समूहों को पूर्ण रूप से डिजिटल किया जा चुका है। 405 समूहों की क्रेडिट लिमिट भी तैयार की गई है। यह अपना काम पूरी तरह से आनलाइन कर रही हैं। इसके साथ ही गरीबी रेखा से नीचे की महिलाओं को छोटे-छोटे रोजगार से जोड़ने के साथ ही आनलाइन लेन-देन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह महिलाएं समूहों के जरिए स्वरोजगार की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के सपनों को साकार कर रही है।
करीब 24 हजार महिला सदस्य जुड़कर खेती-किसानी से लेकर अगरबत्ती, मोमबत्ती बनाने के साथ ही सिलाई का काम करके अपने परिवार की आजीविका चला रही हैं। इनको कोई भी स्वरोजगार व घरेलू उद्योग शुरू करने के लिए बैंकों से ऋण भी दिलाया जाता है। इतने समूह हुए डिजिटलाइज
शासन के निर्देश पर नाबार्ड की तरफ से 30 समूहों पर एक एनिमेटर रखकर डिजिटलाइज किया जा रहा है, जिसमें इनके मोबाइल में एक एप व साफ्टवेयर डाउनलोड किया गया है। दो एजेंसी महिला प्रबुद्धिनी फाउंडेशन मड़ियाहूं व जनसेवा आश्रम केराकत के जरिए एनिमेटर रखे गए हैं जो आनलाइन व तकनीकी के जानकार हैं। इनको दो हजार रुपये मासिक दिया जाता है। इनकी सेवा मार्च 2021 तक ली जाएगी। इनका काम समूहों की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर ट्रेंड करना है। शासन के मिले 1100 के सापेक्ष अब तक 1104 समूहों को डिजिटल किया जा चुका है। इसमें 12841 सदस्य जुड़े हुए हैं। इससे 311 गांव को कवर किया गया है। वर्जन--
शासन के निर्देश के क्रम में महिला समूहों को आनलाइन किया गया है। इसके तहत अब तक जिले के 1104 समूहों को आनलाइन किया जा चुका है। इसमें से 405 समूहों की क्रेडिट लिमिट भी तैयार कराई गई है। ई-शक्ति के जरिए समूहों के खातों से लेकर, एप एलाटमेंट, मासिक रूपरेखा तय करने के लिए साफ्टवेयर का कार्य एनिमेटर के जरिए कराया जा रहा है।
-आरिफा सुल्ताना, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड।