भूमि परीक्षण प्रयोगशाला बंद, मिट्टी की नहीं हो पाती जांच

संवाद सहयोगी कोंच नगर स्थित कृषि विभाग की भूमि परीक्षण प्रयोगशाला बीते डेढ़ वर्ष से बंद पड़ी है जिससे किसान अपनी भूमि की मिट्टी की जांच नहीं करा पा रहे हैं। किसानों को मिट्टी की मांग के अनुसार फसल पैदा करने के लिए 8 वर्ष पूर्व नगर स्थित कृषि प्रसार कार्यालय में मृदा स्वास्थ सुधार योजना अंतर्गत भूमि परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण किया गया था। जिसमें किसानों ने पहुंचकर अपनी भूमि की मिट्टी की जांच कराई और आए रिजल्ट के अनुरूप फसल उगाई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 07:56 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 07:56 PM (IST)
भूमि परीक्षण प्रयोगशाला बंद, मिट्टी की नहीं हो पाती जांच
भूमि परीक्षण प्रयोगशाला बंद, मिट्टी की नहीं हो पाती जांच

संवाद सहयोगी, कोंच : नगर स्थित कृषि विभाग की भूमि परीक्षण प्रयोगशाला बीते डेढ़ वर्ष से बंद पड़ी है जिससे किसान अपनी भूमि की मिट्टी की जांच नहीं करा पा रहे हैं।

किसानों को मिट्टी की मांग के अनुसार फसल पैदा करने के लिए 8 वर्ष पूर्व नगर स्थित कृषि प्रसार कार्यालय में मृदा स्वास्थ सुधार योजना अंतर्गत भूमि परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण किया गया था। जिसमें किसानों ने पहुंचकर अपनी भूमि की मिट्टी की जांच कराई और आए रिजल्ट के अनुरूप फसल उगाई। मृदा परीक्षण से किसानों को लाभ भी मिला लेकिन अब बीते डेढ़ साल से यह प्रयोगशाला बंद पड़ी है न कोई कर्मचारी है और न ही कोई किसान की मिट्टी का नमूना लेने वाला है। प्रयोगशाला के बंद होने से किसान परेशान हैं। वह मिट्टी की जांच नहीं करा पा रहे हैं।जिससे वह उपज नहीं बढ़ा पा रहे हैं।

मृदा में एनपीके की होती रही जांच :

भूमि परीक्षण प्रयोगशाला में भूमि के तीन तत्व नाइट्रोजन, फास्फेट, और पोटास की जांच पूर्व में होती रही है और उसी दिन किसान को रिजल्ट बता दिया जाता था। भूमि के शेष अन्य तत्वों की जांच के लिए मिट्टी के नमूने उरई और झांसी भेजे जाते थे। इन सब जांचों के लिए किसान से कोई शुल्क नहीं लगता था लेकिन प्रयोगशाला के बंद होने से किसान से उसकी भूमि की मिट्टी का नमूना लेने के लिए कार्यालय पर कोई कर्मी नही है। कोट

भूमि परीक्षण प्रयोगशाला में जो 4 संविदा कर्मी थे उन्हें उरई मुख्यालय पर अटैच कर लिया गया। जिस कारण प्रयोगशाला बंद हो गई। बजट का भी अभाव रहा। अब जल्द ही प्रयोगशाला खुलवाकर किसानों की मिट्टी की जांच शुरू कर दी जाएगी। उच्चाधिकारियों को कर्मचारी भेजे जाने के लिए लिखा गया है। जैसे ही कर्मचारी मिलते हैं प्रयोगशाला में काम होना शुरू हो जाएगा। तीन तत्वों नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पुटास के प्रमाण उसी दिन दे दिए जाएंग।

हरदेव प्रसाद वर्मा, विषय वस्तु विशेषज्ञ कृषि विभाग

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