'ठिकाने' को तरस रहीं मंजिल तक पहुंचाने वाली बसें

संवाद सहयोगी, कोंच : लोगों को मंजिल तक पहुंचाने वाली बसें अपने ठिकाने के लिए तरस रहीं है

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 08:08 PM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 08:08 PM (IST)
'ठिकाने' को तरस रहीं मंजिल तक पहुंचाने वाली बसें
'ठिकाने' को तरस रहीं मंजिल तक पहुंचाने वाली बसें

संवाद सहयोगी, कोंच : लोगों को मंजिल तक पहुंचाने वाली बसें अपने ठिकाने के लिए तरस रहीं हैं। नगर में रोडवेज और निजी बसों को खड़ा करने के लिए कोई स्टैंड तक नहीं है। इससे यात्रियों को भारी परेशानी होती है।

नगर के लोग आजादी के बाद से ही बस स्टैंड की मांग करते रहे हैं, लेकिन अभी तक न तो नगर पालिका बस स्टैंड का निर्माण कर सकी और न ही शासन रोडवेज बसों के ठहराव के लिए स्टैंड बना सका। रोडवेज के चालक बसों को यहां-वहां खड़ी कर यात्रियों को उतारते-चढ़ाते हैं। नगर में निजी बस स्टैंड के लिए कुछ वर्ष पूर्व नगर पालिका ने जिला पंचायत से भूमि लीज पर ली थी। उस लीज की भूमि पर निजी बस संचालक रेलवे स्टेशन के पास बलदाऊ धर्मशाला के पीछे अपनी बसों का ठहराव करते रहे। गत वर्ष जिला पंचायत ने नगर पालिका का करार तोड़ दिया, जिससे अब वह भूमि पुन: जिला पंचायत के अधिकार में चली गयी। हालांकि अभी निजी बस संचालक वहां अपनी बसें खड़ी कर रहे हैं, लेकिन अब उस पर पूरा अधिकार जिला पंचायत का है।

------------------------

नहीं तलाशा गया निजी बस स्टैंड के लिए स्थान

शहर से संचालित 15 रोडवेज बसें दिल्ली, झांसी, बांदा, कानपुर व लखनऊ के बीच चलती हैं। परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव ¨सह ने बस स्टैंड निर्माण को हरी झंडी दी थी। बस स्टैंड निर्माण के लिए वह जगह चिह्नित की गई, जहां निजी बस अड्डा संचालित था। रोडवेज बस स्टैंड निर्माण के लिए नगर पालिका से जिला पंचायत का करार टूट गया और परिवहन विभाग को बस स्टैंड निर्माण करने को कह दिया गया। हालांकि निजी बसों के लिए स्थान उपलब्ध नहीं कराया गया।

--------------------------

अधर में लटक गया रोडवेज बस स्टैंड निर्माण का मामला

जिला पंचायत ने परिवहन विभाग को बस स्टैंड निर्माण करने के लिए निजी बस स्टैंड को सड़क पर छोड़ दिया और अब भूमि का मूल्यांकन कर उसकी कीमत चार करोड़ रुपये आंकी। परिवहन विभाग को बस स्टैंड निर्माण के लिए निश्शुल्क भूमि चाहिए थी। लिहाजा भूमि की कीमत सुन परिवहन विभाग ने स्टैंड निर्माण के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

---------------------------

परिवहन विभाग के एआरएम अपराजित श्रीवास्तव ने बताया कि बस स्टैंड निर्माण के लिए जिला पंचायत की भूमि का चयन किया गया था। भूमि का मूल्यांकन कर उसकी कीमत चार से पांच करोड़ के बीच बताई गई है। जिला पंचायत के अधिकारी अभी यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि भूमि को बेचा जा सकता है या निश्शुल्क दी जा सकती है। इस बात को समझने के लिए जिला पंचायत के द्वारा बस स्टैंड निर्माण की फाइल मंडलायुक्त के यहां स्वीकृति हेतु भेजी गई है। यदि भूमि मिलती है तो बस स्टैंड का निर्माण कराया जाएगा।

chat bot
आपका साथी