दाल कहां से आई, अभी तक नहीं पता

-जांच करने पहुंचे बाल विकास परियोजना अधिकारी व सुपरवाइजर -समूह की महिलाओं ने इस संबंध में एसडीएम को दिया शिकायती पत्र।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 01:20 AM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 01:20 AM (IST)
दाल कहां से आई, अभी तक नहीं पता
दाल कहां से आई, अभी तक नहीं पता

संसू, हाथरस : सादाबाद में गुरुवार की देर शाम को बिसावर में एक व्यापारी के यहां बिक्री के लिए जा रही दाल आखिर कहां से आई, यह पता नहीं चल सका। विभागीय अधिकारी बरामद दाल को लेकर जांच में जुटे हुए हैं। वहीं समूह की महिलाओं ने समूह के हेड को नामजद करते हुए तीन माह पुराना मामला बताकर एसडीएम को एक शिकायती पत्र देकर जांच-कार्रवाई की मांग की है।

बिसावर में गुरुवार की देर शाम को एक व्यापारी के गोदाम पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों को बांटी जाने वाली दाल की कालाबाजारी के शक में एक रिक्शे में नौ बोरी दाल पकड़ी थी। महिलाओं ने हंगामा भी किया था, जिसकी जानकारी पर चौकी इंचार्ज ने दाल को विद्यालय में रखवा दिया था। एसडीएम के निर्देश पर बाल विकास परियोजना अधिकारी धर्मेंद्र कुलश्रेष्ठ तथा सुपरवाइजर सोनू आर्य बिसावर पहुंचे। उन्होंने दाल को लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों की पड़ताल की। पड़ताल में अगस्त का पूरा खाद्यान्न वितरण पाया गया। उन्होंने बताया कि यह दाल बड़े बोरों में भरी हुई थी जबकि विभाग से मिलने वाली दाल छोटे-छोटे पैकेट में आती है। यह दाल कहां से आई, अभी यह जांच का विषय है। अभी जांच चल रही है। दूसरी ओर इस मामले को लेकर कोविड-19 स्वयं सहायता समूह, नारी शक्ति स्वयं सहायता समूह, लड्डू गोपाल स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष सोमवती देवी, लक्ष्मी देवी, सोनी देवी ने एसडीएम को एक शिकायती पत्र देते हुए कहा है कि गांव में पांच स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं, जिनके माध्यम से सरकारी सामान का वितरण बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को किया जाता है। पांच समूह के ऊपर एक हेड मनोज मिश्रा को बनाया गया था, जिन्होंने तीन माह पूर्व का वितरण किया जाने वाला सरकारी सामान वितरित नहीं किया। उनकी शिकायत के आधार पर सामान वितरण की जिम्मेदारी समूह ने स्वयं ले ली। दो सितंबर को वितरित किए जाने वाले सामान को हेड द्वारा एक व्यापारी के गोदाम पर बेचते हुए पकड़ा गया था। पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह व्यक्ति वहां से भाग खड़ा हुआ। इसके अलावा उन लोगों को सादाबाद ब्लाक से चेक दिए गए थे। हेड ने उनको दिखाकर फोटो खिचवाकर उनसे चेक वापस ले लिए और उनका भुगतान आज तक नहीं मिला है।

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