मंजिल दूर है पर स्वच्छता का सफर जारी है

संवाद सहयोगी हाथरस शहर की सफाई को लेकर स्वच्छता का सफर अभी थमा नहीं है। भले ही नगर पालिका हाथरस की रैंक इस बार सर्वेक्षण में बेहतर आई हो लेकिन चार नगर निकायों की रैंक औंधे मुंह गिरने से स्वच्छ भारत मिशन को झटका लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Mar 2019 01:40 AM (IST) Updated:Thu, 14 Mar 2019 01:40 AM (IST)
मंजिल दूर है पर स्वच्छता का सफर जारी है
मंजिल दूर है पर स्वच्छता का सफर जारी है

संवाद सहयोगी, हाथरस : शहर की सफाई को लेकर स्वच्छता का सफर अभी थमा नहीं है। भले ही नगर पालिका हाथरस की रैंक इस बार सर्वेक्षण में बेहतर आई हो, लेकिन चार नगर निकायों की रैंक औंधे मुंह गिरने से स्वच्छ भारत मिशन को झटका लगा है। शहरी क्षेत्र में 9,800 के तय टारगेट की तुलना में 1193 टॉयलेट कम बनने पर 96 लाख रुपये की रकम स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारियों को संरेडर करनी पड़ी। शहरी क्षेत्र में एक सार्वजनिक शौचालय लोगों को सुविधा दे रहा है, अधिकारी बाकी शौचालयों के जल्द शुरू होने का भरोसा दिला रहे हैं। घनी आबादी वाले शहर के बाजारों में जहां शौचालय नहीं बनाए जा सकते, वहां रेडीमेड शौचालय रखवा तो दिए गए हैं लेकिन ज्यादातर का ताला बंद है। दरअसल इनमें पानी की सप्लाई कई महीने बाद भी शुरू नहीं हो सकी है। सभी अव्यवस्थाओं के बावजूद कुछ ऐसा भी है जो सुखद है। शहर में रात को होने वाले सफाई ने स्वच्छता में चार चांद लगा दिए हैं। शहर में कहीं भी कूड़े के बड़े ढेर नजर नहीं आते। नालों से सिल्ट निकालने का काम दिखाई पड़ता है, यह काम पहले बारिश से ठीक पहले शुरू होता था। सुबह और दोपहर की शिफ्ट में भी सफाई होने से शहर साफ होने लगा है। साफ है कि गंदगी से पूरी तरह निजात पाने की मंजिल अभी दूर है पर सफर जारी है। इनका कहना है-

शौचालय बनने के बाद काफी बदलाव आया है। इससे स्वच्छता को बढ़ावा मिला है साथ ही खुले में शौच से फैलने वाली बीमारियों में भी कमी आई है।

-गीता, गांव गंगचौली।

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