लॉकडाउन के दौरान भी खुली रहेंगी खाद-बीज की दुकानें

राशन डीलरों की दुकानों के शटर बंद नहीं होंगे सरकार के निर्देश कुछ दुकानों को खोलने को लेकर थी भ्रम की स्थिति कर दी साफ।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 05:51 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 05:51 AM (IST)
लॉकडाउन के दौरान भी खुली रहेंगी खाद-बीज की दुकानें
लॉकडाउन के दौरान भी खुली रहेंगी खाद-बीज की दुकानें

जागरण संवाददाता, हाथरस : लॉकडाउन के दौरान किसानों के लिए खाद-बीज और पेस्टीसाइड की दुकानें खोलने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही किसी तरह की परेशानी होने पर किसानों से विभागीय अधिकारियों से संपर्क करने को कहा है। उन्होंने लॉकडाउन की कुछ शर्तों का भी पालन करने के निर्देश दिए हैं।

जनपद में लॉकडाउन के चलते किसानों के सामने विभिन्न प्रकार की फसल की बोआई में दिक्कत आ रही थी। उनको उर्वरक व बीज नहीं मिल पा रहा था। शासन तक लगातार ये शिकायतें पहुंच रही थीं। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने कृषि क्षेत्र में उर्वरक, कीटनाशी एवं बीज आपूर्ति तथा बिक्री के कार्यों में छूट प्रदान की है। उन्होंने किसानों के लिए खाद, बीज व पेस्टीसाइड की दुकानें खोलने के आदेश जारी किए हैं। इनके लिए रहेगी छूट

उर्वरक, बीज एवं कृषि रक्षा रसायनों की बिक्री केंद्र (थोक व फुटकर) पूर्व की भांति खुलेगा। रबी की फसलों की कटाई में होने वाले कंबाइन हारवेस्टर तथा कृषि क्षेत्र में प्रयुक्त श्रमिक। बीज विधायन संयंत्रों के संचालन एवं कार्य में प्रयुक्त होने वाले श्रमिक। आवश्यक सेवाओं एवं उनसे संबंधित कर्मियों, दुकान मालिकों को अपने स्थान से दुकान, कार्यालय तक आने-जाने में छूट रहेगी। कोरोना को लेकर पब्लिक एड्रेस सिस्टम से जागरूक किया जाए

जासं, हाथरस : कोरोना की दूसरी लहर ने हर किसी को डरा दिया है। घर में रहने को मजबूर कर दिया है। नगर पालिका और नगर पंचायतों के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे कोरोना से बचाव के नियमों के बारे में लोगों को पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए बताएं।

हाईरिस्क कैटेगरी में 60 वर्ष से ऊपर, 10 वर्ष से कम के बच्चे, गर्भवती महिलाओं एवं एक से अधिक बीमारी से ग्रसित अथवा कम इम्युनिटी वाले लोगों को बाहर न निकलने को जागरूक करें। किसी को जरूरी काम से बाहर निकलना भी हो तो मास्क जरूर लगाएं। रीजन की बसें बाहरी प्रांतों तक न भेजी जाएं। बसों में सफर के दौरान शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ 50 फीसद सवारी के साथ बसों का संचालन कराया जाए।

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