बूलगढ़ी काड के चारों आरोपित कोर्ट में पेश, चार्जशीट सौंपी

सीबीआइ की डिप्टी एसपी रहीं मौजूद अब 29 जनवरी को होगी अगली सुनवाई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 Jan 2021 01:39 AM (IST) Updated:Tue, 05 Jan 2021 01:39 AM (IST)
बूलगढ़ी काड के चारों आरोपित 
कोर्ट में पेश, चार्जशीट सौंपी
बूलगढ़ी काड के चारों आरोपित कोर्ट में पेश, चार्जशीट सौंपी

जासं, हाथरस : बहुचíचत बूलगढ़ी काड के चारों आरोपित सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायालय एससी-एसटी एक्ट में पेश किए गए। यहा आरोपितों को सीबीआइ की चार्जशीट सौंपी गई। इस दौरान जाच अधिकारी सीबीआइ की डिप्टी एसपी सीमा पाहूजा अपने अधिवक्ता के साथ कोर्ट में मौजूद रहीं। पौने दो घटे चली पेशी के बाद चारों आरोपितों को अलीगढ़ जेल भेज दिया गया। अब अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।

सीबीआइ ने 67 दिन की जाच के बाद चारों आरोपित संदीप, रवि, रामू और लवकुश पर सामूहिक दुष्कर्म व हत्या की धाराओं में आरोप पत्र 18 दिसंबर को इसी कोर्ट में दाखिल किया था। आरोपपत्र आने के बाद मामले की पहली सुनवाई सोमवार को हुई। सुबह 10 बजे से ही न्यायालय परिसर में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। न्यायालय परिसर में वादकारी और अधिवक्ताओं के अलावा अन्य लोगों का प्रवेश रोक दिया गया था। दोपहर 11:28 बजे चारों आरोपितों को कड़ी सुरक्षा में अलीगढ़ जेल से हाथरस न्यायालय लाया गया। पेशी की कार्यवाही पूरी होने के बाद चारों आरोपित बाहर आए, जिन्हें किसी से मिलने नहीं दिया गया। यहा से सभी को सीधे अलीगढ़ जेल ले जाया गया। चारों आरोपित सितंबर से ही जेल में हैं। पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता भगीरथ सिंह सोलंकी ने बताया कि न्यायालय ने चारों आरोपितों को आरोप पत्र की कॉपी सौंपी है। आरोपितों के अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर ने बताया कि आरोप पत्र, केस डायरी और अन्य कागजात का अवलोकन किया जा रहा है।

ये था मामला

14 सितंबर को बूलगढ़ी में युवती पर हमला हुआ था। वह अपनी मा व भाई के साथ घर से थोड़ी दूर स्थित खेत पर चारा काटने गई थी। युवती के भाई ने गाव के ही संदीप के खिलाफ जानलेवा हमला व एससी-एसटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। युवती को जिला अस्पताल से जवाहर लाल नेहरू (जेएन) मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ रेफर कर दिया गया था। बयानों के आधार पर धाराएं बढ़ाई गईं और गाव के ही रामू, रवि व लवकुश का नाम शामिल किया गया। इन चारों को तभी जेल भेज दिया गया था। 28 सितंबर को युवती को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल भेज दिया गया, जहा 29 सितंबर की सुबह उसकी मौत हो गई। इसका अंतिम संस्कार रात में ही कराया गया, जिसको लेकर देशभर में प्रदर्शन हुए। गरिमामयी ढंग से अंतिम संस्कार के अधिकार के हनन का आरोप प्रशासन पर लगाया गया। इसकी सुनवाई 27 जनवरी को हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में होनी है।

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