वर्षाें से नहीं हैं डॉक्टर, झोलाछाप के हाथ में जिदगी

सहपऊ सीएचसी में भी ओपीडी सेवा बंद मानक के अनुसार नहीं है स्टाफ विशेषज्ञों की भी कमी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 28 May 2021 12:58 AM (IST) Updated:Fri, 28 May 2021 12:58 AM (IST)
वर्षाें से नहीं हैं डॉक्टर, झोलाछाप के हाथ में जिदगी
वर्षाें से नहीं हैं डॉक्टर, झोलाछाप के हाथ में जिदगी

संसू, हाथरस : कोरोना काल में भी ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं आम दिनों की तरह नजर आ रही हैं। ओपीडी बंद होने से आमजन का हाल बेहाल है। लोग जान जोखिम में डालकर झोलाछापों से इलाज करा रहे हैं। सहपऊ सीएचसी पर डॉक्टरों की कमी होने से मरीजों को हाथरस रेफर कर दिया जाता है। दैनिक जागरण टीम ने गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य सहपऊ के हालात पर नजर डाली तो स्टाफ की कमी के साथ तमाम कमियां नजर आईं।

यह है स्थिति : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लगभग 60 गांवों के लोग निर्भर हैं। लगभग दो लाख की आबादी इससे जुड़ी हुई है आम दिनों में ओपीडी की संख्या लगभग 400 से 500 तक रहती है। 30 बेड का अस्पताल है। प्रभारी सहित तीन डॉक्टरों की तैनाती है, जबकि 08 डॉक्टरों की जरूरत है। केंद्र पर नेत्र, बाल, महिला रोग, ईएनटी, हड्डी रोग आदि विशेषज्ञ चिकित्सकों की आवश्यकता है। ऑपरेशन की कोई सुविधा नहीं है। अस्पताल में चार एंबुलेंस हैं। ब्लड जांच के अलावा कोई जांच नहीं होती है। एक्सरे का वार्ड बना हुआ है मगर एक्सरे मशीन नहीं है। अल्ट्रासाउंड की भी कोई सुविधा नहीं है।

स्टाफ की स्थिति : आठ डॉक्टरों की जगह सीएचसी प्रभारी सहित तीन डॉक्टर और 23 एएनएम की जगह 13 एएनएम हैं। चार सफाई कर्मी की जगह पर एक सफाई कर्मी और छह स्टाफ नर्स की जगह तीन हैं। चार फार्मासिस्ट की जगह दो हैं। पानी पीने के लिए आरओ लगा हुआ है। एक्सीडेंट की घटनाओं पर ज्यादातर लोगों को हाथरस रेफर किया जाता है। महिला रोग विशेषज्ञ न होने के कारण महिलाओं को विशेष परेशानी होने पर रेफर ही एक मात्र साधन है।

कोरोना काल के इंतजाम : अब तक 22 हजार लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है। तीन हजार लोगों को कोरोना की पहली वैक्सीन लग चुकी है एवं एक हजार लोगों को दूसरी वैक्सीन भी लग चुकी है। ऑक्सीजन के आठ छोटे व दो बड़े सिलेंडर मौजूद हैं। पब्लिक के बोल

सीएचसी पर महिला विशेषज्ञ की नियुक्ति जरूरी है। महिलाओं को परेशानी होने के बाद उन्हें इलाज के लिए अन्य शहरों में जाना पड़ता है।

ममता तिवारी कोविड काल से ओपीडी बंद चल रही है। इसके कारण जरूरतमंदों को जान जोखिम में डालकर झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में जाना पड़ता है।

-गजेंद्र वर्मा सीएचसी पर ब्लड टेस्ट के अलावा एक्सरे व अन्य सुविधाओं का अभाव है। यहां पर पर्याप्त भवन भी है। जांच की सुविधाएं बढ़ाई जाएं।

-सचिन वाष्र्णेय वर्जन

सीएचसी में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी चल रही है। फिलहाल सरकार द्वारा जो भी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। वह मरीजों तक पहुंच रही है।

डॉ. प्रकाश मोहन, प्रभारी सीएचसी

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