स्वच्छता अपनाओ, रोगों को भगाओ
संवाद सहयोगी, हाथरस : स्वच्छता का संदेश देने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निकले तो देश में झाडू लगान
संवाद सहयोगी, हाथरस : स्वच्छता का संदेश देने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निकले तो देश में झाडू लगाने वालों की होड़ लग गई, लेकिन फिर इस संदेश को लोग भूलने लगे। बहुत ही कम लोग जानते हैं कि गंदगी एक अभिशाप है। देश के लिए कलंक है। बीमारियों का घर है। अरबों रुपये की धनराशि इस गंदगी से फैलने वाली बीमारियों पर व्यय हो रही है। इसीलिए बीमारियों को भगाने के लिए हमें स्वच्छता को अपनाना ही होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो अक्टूबर को स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत की शुरुआत की थी। शुरुआत तो बेहतर रही, लेकिन इसके बाद सरकारी विभाग भी गंदगी को भूल बैठे। आम जनता में तो सफाई के प्रति रुचि नहीं है। अभी भी उनका जमीर नहीं जागा है। खुद की गंदगी तो साफ करते हैं, लेकिन उसे सही स्थान पर न फेंककर उसे कहीं भी फेंककर अपनी लापरवाही उजागर करते हैं। इसीलिए हमें आज ही प्रण करना होगा कि न तो गंदगी करेंगे और न ही किसी को करने देंगे।
नसीहत से नहीं चलेगा काम
सफाई का मुद्दा किसी व्यक्ति विशेष से नहीं जुड़ा है। गंदगी एक सामाजिक बुराई है। इसका अंत करने के लिए हमें अपने अंदर एक प्रेरणा जगानी होगी। जब हम जागृत हो जाएंगे और खुद करते हुए दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे तो लोग खुद ही आगे आने लगेंगे। जब कारवां बनता जाएगा तो स्वच्छता आना निश्चित है। इसके लिए सिर्फ नसीहत देने से काम चलने वाला नहीं है।
-इं.नमेश चंद्र वाष्र्णेय, समाजसेवी।
कुछ तो सेवा करो
स्वच्छता एक सेवा कार्य है। घर की सफाई हो या बाहर की, इस कार्य में हमें बढ़ चढ़कर सेवा करनी चाहिए। जब हम सफाई को अपना नैतिक कर्तव्य बना लेंगे तो समाज ही नहीं देश भी स्वच्छ नजर आयेगा।
टिप्स :-
-नगर पालिका को नालों की नियमित सफाई करानी चाहिए।
-नालों में कूड़ा व पॉलीथिन एकत्रित न होने दें।
-गंदा पानी एकत्रित नहीं हो, इसके लिए नाली प्रवाह होता रहना चाहिए।
-डा.विनोद सक्सेना, हड्डी रोग विशेषज्ञ।