गांव में किया विवाद तो नवनिर्वाचित प्रधान, पराजित प्रत्याशी पर भी होगी कार्रवाई

प्रत्याशियों के समर्थकों में ही हो रहा है विवाद विवाद में पुलिस भूमिका की करेगी जांच

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 09:39 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 09:39 PM (IST)
गांव में किया विवाद तो नवनिर्वाचित प्रधान, पराजित प्रत्याशी पर भी होगी कार्रवाई
गांव में किया विवाद तो नवनिर्वाचित प्रधान, पराजित प्रत्याशी पर भी होगी कार्रवाई

हरदोई: चुनावी रंजिश में हो रहे विवादों को देखते हुए पुलिस ने सख्त कदम उठाए हैं। इसमें नवनिर्वाचित प्रधान, पूर्व प्रधान और पराजित प्रत्याशी की भूमिका की भी जांच होगी। एसपी ने बताया कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनके सामने निकलने पर उन्हें भी जेल भेजा जाएगा। इस संबंध में सभी थाना प्रभारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं।

पंचायत चुनाव को तो पुलिस ने शांति पूर्वक संपन्न करा लिया, लेकिन मतगणना के बाद विवाद हो रहे हैं। कई गांवों में बड़ी घटनाएं तक हो गईं, जिसमें प्रधान भी शामिल निकले। एसपी अनुराग वत्स ने बताया कि जो भी घटनाएं हो रही हैं, उसमें किसी न किसी का पक्ष शामिल है। निर्वाचित प्रधान, पूर्व प्रधान और पराजित प्रत्याशियों के समर्थक ही घटना में शामिल रहे। उनके समर्थकों पर ही नहीं, उन्हें भी शिकंजे में लिया जा रहा है। जिस भी गांव में विवाद होगा, और जिस पक्ष के लोग होंगे उनके भी एफआइआर दर्ज कर जेल भेजा जाएगा।

पांच नवनिर्वाचित प्रधान गए जेल

हरदोई: गांवों में विवाद पर पांच नवनिर्वाचित प्रधानों को जेल भेजा जा चुका है। एसपी ने बताया कि इन लोगों का विवाद में नाम आया और जो भी घटना हुई उसमें उनके समर्थक थे, जिस पर उन सभी के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज कर जेल भेजा गया। ऐसा ही पूरे जिले में किया जाएगा। आश्रितों को लाभ दिलाने के लिए शासनादेश में संशोधन की मांग

हरदोई: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कोरोना संक्रमण के कारण शिक्षक व कर्मचारियों के परिवार को मुआवजा देने के शासनादेश में संशोधन किया जाए। उसमें समय सीमा की बाध्यता का समाप्त किया जाए।

उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष डा. राजेश तिवारी ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान शिक्षक व कर्मचारियों की मौत होने पर उनके आश्रितों को मुआवजा देने का शासनादेश जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि जारी शासनादेश की परिधि में कोई भी शिक्षक व कर्मचारी नहीं आ पाएगा। शासनादेश में समय सीमा का निर्धारण कर दिया गया। शासनादेश के अनुसार उस शिक्षक व कर्मचारी को ही मुआवजा दिया जाएगा। जिसकी मृत्यु घर से चुनाव ड्यूटी स्थल तक पहुंचने में लगे समय के बीच हुई हो।

जिले में जिन शिक्षक व कर्मचारियों की मृत्यु त्रिस्तरीय चुनाव के दौरान हुए संक्रमण के कारण इलाज के दौरान या घर पर आने पर हुई है। जिससे शिक्षक व कर्मचारी इस परिध में नहीं आ रहे है। ऐसे में शासनादेश में समय सीमा का समाप्त किया जाए। ताकि शिक्षक व कर्मचारियों के आश्रितों को शासन की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि का लाभ मिल सके।

माध्यमिक के इन शिक्षकों, कर्मचारियों की हुई है मौत:

सैय्यद अरशद हुसैन सहायक अध्यापक राष्ट्रपिता म्यूनिसिपल इंका शाहाबाद, विश्वनाथ त्रिपाठी सहायक अध्यापक आदर्श इंटर कालेज शाहाबाद, योगेंद्र कुमार सिंह सहायक अध्यापक ग्रामीण उमावि कोथावां, अमरेंद्र प्रजापति लिपिक जनता इंका कछौना, बृजेश कुमार वर्मा प्रधानाचार्य जवाहर लाल उमावि शाहाबाद, जय सिंह कर्मचारी पंत इंका पाली, प्रकाश कर्मचारी पं. नेहरू इंका सदरपुर शामिल है।

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