तीसरी लहर से निपटने में मैनपावर की कमी बढ़ाएगी परेशानी

भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) के अनुसार पीडियाट्रिक वार्ड के दस बेड पर एक चिकित्सक और दस स्टाफ नर्स आईसीयू वार्ड में 16 बेड पर दो चिकित्सक व 16 स्टाफ नर्स और एचडीयू वार्ड में सात बेड पर एक चिकित्सक और तीन स्टाफ नर्स की आवश्यकता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 08 Aug 2021 11:43 PM (IST) Updated:Sun, 08 Aug 2021 11:43 PM (IST)
तीसरी लहर से निपटने में मैनपावर की कमी बढ़ाएगी परेशानी
तीसरी लहर से निपटने में मैनपावर की कमी बढ़ाएगी परेशानी

हरदोई : जिले में तीसरी लहर से निपटने के लिए दो कोविड सेंटर, जिला और महिला अस्पताल में पीडियाट्रिक वार्ड के अलावा चार सीएचसी तैयार की गई हैं।

इन सभी सेंटरों पर आक्सीजन के साथ ही आधुनिक उपकरण और दवाओं की व्यवस्था भी कर ली गई है, लेकिन मैनपावर की कमी संक्रमितों के इलाज में परेशानी खड़ी कर सकती है। इसके लिए सीएमओ ने शासन को मैनपावर उपलब्ध कराने के लिए पत्र भेजा है।

भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) के अनुसार पीडियाट्रिक वार्ड के दस बेड पर एक चिकित्सक और दस स्टाफ नर्स, आईसीयू वार्ड में 16 बेड पर दो चिकित्सक व 16 स्टाफ नर्स और एचडीयू वार्ड में सात बेड पर एक चिकित्सक और तीन स्टाफ नर्स की आवश्यकता है। आक्सीजन वार्ड में 67 बेड पर सात चिकित्सक व दस स्टाफ नर्स की जरूरत है। इनके अलावा चार सीएचसी के 160 आक्सीजन बेड पर 16 चिकित्सक और 24 स्टाफ नर्स की जरूरत है। सभी सेंटरों पर एक शिफ्ट में 31 चिकित्सक और 71 स्टाफ नर्स की आवश्यकता है। एक दिन में तीन शिफ्ट के लिए 93 चिकित्सक और 213 स्टाफ नर्स चाहिए। 15 दिन की दो शिफ्ट के लिए 186 चिकित्सक व 426 स्टाफ नर्स होने चाहिए, लेकिन जिले में 117 चिकित्सक और 167 स्टाफ नर्स ही उपलब्ध हैं। कोविड सेंटरों के संचालन के लिए जिले को 69 चिकित्सक और 259 स्टाफ नर्स की आवश्यकता है। मैनपावर की कमी को पूरा करने के लिए शासन को सीएमओ ने पत्र भी लिखा है।

कमी को पूरा करने का किया प्रयास : सीएमओ ने शासन को पत्र लिखकर मैनपावर की कमी की जानकारी दी है। इसके साथ ही सीएचसी-पीएचसी पर तैनात दो-चिकित्सकों को छोड़कर अन्य सभी चिकित्सकों को दो-दो दिन का प्रशिक्षण दे दिया है। अगर कोई समस्या होगी तो इन्हीं चिकित्सकों की ड्यूटी कोविड सेंटर में लगाई जाएगी।

वर्जन

तीसरी लहर से निपटने के लिए कोविड सेंटरों की कमियों को दूर किया जा रहा है। मैनपावर की कमी को भी पूरा किया जा है, जिससे संक्रमितों का बेहतर इलाज हो सके।

डा. सूर्यमणि त्रिपाठी, सीएमओ

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