शिक्षा, रोजगार को सर्वोपरि रखने वाली बने सरकार

20 एचआरडी 0ंवववववववववववववववववववववववववववववववववववववव

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 11:30 PM (IST) Updated:Sun, 21 Apr 2019 06:21 AM (IST)
शिक्षा, रोजगार को सर्वोपरि रखने वाली बने सरकार
शिक्षा, रोजगार को सर्वोपरि रखने वाली बने सरकार

हरदोई: चुनावी रंगत चढ़ती जा रही है। हर गली, नुक्कड़ पर बातों में सियासत की गर्माहट दिख रही है। अब वह दिन नहीं रह गए जब महिलाएं राजनीति से दूर रहती थीं। आधी आबादी पूरी भागीदारी निभा रही है। वो राजनीतिक हालातों और घोषणा पत्रों पर खामोश नहीं हैं। महिलाओं के बीच भी चुनावी बहस में वह अपना भी मत दे रही हैं। समाजसेविका रागिनी तिवारी के आवास पर महिलाएं सरकार को लेकर विचार विमर्श करती दिखीं। सरकार से उम्मीद पर रागिनी तिवारी का कहना था कि जरूरी हो गया है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलने के साथ ही रोजगार के अवसर पैदा हों। महंगाई पर अंकुश लगे। महिला सुरक्षा के कानून और सख्त होने चाहिए। नौकरी आदि में महिलाओं को अधिक महत्व देना आवश्यक हो गया है। पूजा जैन का कहना था कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखने वाले सांसद को चुनकर देश में मजबूत सरकार बनाएंगे। रुपाली खन्ना बोलीं कि महिलाओं की तरक्की को सरकारें बातें तो बहुत करती हैं लेकिन उन पर पालन नहीं किया जाता है। पारुल तिवारी बोलीं रोजगार के लिए भटक रहे युवाओं की तरफ कोई ध्यान नहीं देता है। शिवानी वर्मा निजी स्कूलों की फीस में हर साल होने वाली बढ़ोतरी से भी नाराज हैं। नेहा नारायन का कहना था कि चुनावी दौर में नेता जनता के बीच खड़े होकर बड़े बड़े वायदे तो करते हैं लेकिन कोई पूरा नहीं करता है। चित्रा बाजपेई, राखी द्विवेदी, हरप्रीत कौर आदि महिलाओं ने अपने विचार रखे। सभी एक मत से महिलाओं को लेकर हो रही बयानबाजी से नाराज हैं। उनका कहना है कि महिलाओं को लेकर जो भी टिप्पणी करे उसके चुनाव पर रोक लगाई जाए। केंद्र में मजबूत और स्थिर सरकार बने।

chat bot
आपका साथी