गन्ना किसानों का मन खट्टा

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By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 10:37 PM (IST) Updated:Mon, 09 Dec 2019 10:37 PM (IST)
गन्ना किसानों का मन खट्टा
गन्ना किसानों का मन खट्टा

बेहटागोकुल : पेराई सत्र 2019-20 में गन्ने का दाम बढ़ने की उम्मीद लगाए बैठे किसानों को दूसरे साल भी मायूसी हाथ लगी है। प्रदेश सरकार ने गन्ने के राज्य समर्थित मूल्य में दूसरे साल भी कोई बढ़ोतरी नहीं करते हुए इसे यथावत रखा है। गन्ने का दाम न बढ़ने पर किसान आक्रोशित हैं। किसानों का कहना है कि मंहगाई बढ़ गई लेकिन मूल्य नहीं बढ़े। वर्ष 2017 में बनी भाजपा सरकार ने पेराई सत्र 2017-18 में गन्ने के राज्य परामर्शी मूल्य में दस रुपये की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद प्रदेश सरकार ने न तो वर्ष 2018-19 में मूल्य बढ़ाया और न ही चालू पेराई सत्र 2019-20 के लिए बढ़ोतरी की। गन्ना के घोषित मूल्यों में अगेती प्रजाति के लिए 325, सामान्य प्रजाति के लिए 315 और अनुपयुक्त प्रजाति के लिए 310 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य घोषित किया। जिससे किसान परेशान हैं और उनका मन खट्टा हो गया है। गन्ना सचिव मनोज तिवारी का कहना है कि गन्ना मूल्य फिलहाल वही है, लेकिन गन्ना भुगतान जल्द ही किसानों के खातों में पहुंचना शुरू हो जाएगा। 09एचआरडी-16

200 बीघा खेत में गन्ने की फसल है। उनका कहना है कि किसान सरकार के एजेंडे से बाहर हो गए हैं। गन्ने की खेती से धीरे-धीरे किसानों का मोहभंग हो रहा है। अब धान और गेहूं की खेती करना ही उचित रहेगा।

शिव प्रकाश सिंह सकतपुर 09एचआरडी-17

आज किसानों के बच्चों के पास रोजगार नहीं है। किसी तरह खेती से आजीविका चल रही है, लेकिन केंद्र और प्रदेश सरकार गन्ना किसानों पर ध्यान नहीं दे रही है। अगर ऐसा ही रहा तो किसान गन्ना करना ही बंद कर देंगे।

जमुना शंकर दीक्षित

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100 बीघा गन्ने की खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि दो साल से गन्ने का मूल्य न बढ़ाकर सरकार ने यह दिखा दिया है वह किसान विरोधी है। खाद, बिजली, पानी, डीजल, जोताई आदि महंगी होने के बाद भी गन्ने का दाम नहीं बढ़ाना किसानों के साथ अन्याय है।

हर्ष कुमार सिंह मझरेता 09एचआरडी-18

सरकारी संस्थानों ने भी गन्ने की प्रति क्विंटल लागत 297-298 रुपये आंकी है। लागत पर 50 फीसदी लाभ के हिसाब से गन्ने का रेट 450 रुपये बैठता है। फिर भी किसानों के साथ मनमानी हो रही है। किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहा।

दिनेश कुमार पांडेय नयागांव

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