करोड़ों के मिलावट के कारोबार से मुनाफाखोरों की चांदी

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By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 10:21 PM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 10:21 PM (IST)
करोड़ों के मिलावट के कारोबार से मुनाफाखोरों की चांदी
करोड़ों के मिलावट के कारोबार से मुनाफाखोरों की चांदी

उदाहरण एक : रेलवेगंज में पॉम आयल और राइसब्रान से बना सरसों का तेल पकड़ा गया। मिलावटखोर कम कीमत पर भारी मुनाफा कमा रहे थे।

उदाहरण दो : अप्रैल 2018 संडीला स्थित एक डेयरी से दूध का नमूना लिया गया, जो सिथेटिक पाया गया। एसएमपी से दूध बनाया जा रहा था।

उदाहरण तीन : मार्च 2019 में शाहाबाद के उधरनपुर में एक मिठाई की दुकान से 31 बोरी मिल्क पाउडर और छह पैकेट केमिकल बरामद हुआ। साथ ही एक दुकान से मिलावटी खोवा पाया गया।

जासं, हरदोई :मिलावटखोर करोड़ों का खेल कर रहे हैं। कम कीमत पर अधिक मुनाफा कमाकर लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। खबर में शामिल तीन मामले को बस समझाने के लिए हैं।। मिलावट से खाद्य बाजार गुलजार है। बाजार ही नहीं गली मुहल्लों में मिलावट का कारोबार हो रहा है। लोग सस्ता समझकर मिलावटयुक्त खाद्य सामग्री का सेवन कर खुद को बीमार बना रहे हैं। लोकल ब्रांड ही नहीं नामी कंपनियों के लोकल ब्रांड बाजार में मौजूद है। मिल्क पाउडर से बनता 50 रुपये प्रति लीटर बिकने वाला दूध मात्र 10 रुपये में : जिले में गली-गली दूध की डेयरी है। मगर आपको आश्चर्य होगा, जिले में सिर्फ 10 रुपये खर्च कर एक लीटर दूध तैयार हो रहा है। यह एक दो लीटर नहीं हजारों लीटर प्रतिदिन तैयार होता और बाजार तक पहुंचता। कुछ डेयरी संचालक इस खेल को अंजाम तक पहुंचा रहे हैं। मिल्क पाउडर से तैयार दूध में फैट बढ़ाने को रिफाइंड और झांग के लिए डिटरजेंट का इस्तेमाल करते है। जिससे लोगों की सेहत बिगड़ रही है। कुछ संचालक कास्टिक पोटास का इस्तेमाल करते है। खाद्य सुरक्षा विभाग में इस तरह के कई मामले भी सामने भी आए। सरसों के तेल में राइसब्रान और पॉम ऑयल की होती मिलावट : दुकानदार की माने तो कुछ भी खाने योग्य नहीं रह गया है। हर चीज में मिलावट है। 95 से 100 रुपये में बिकने वाले सरसों के तेल में मिलावट हो रही है। 55 रुपये प्रति किलो बिकने वाले राइसब्रान या 60 से 65 रुपये बिकने वाले पॉम ऑयल से सरसों का तेल तैयार हो रहा है। इसमें कलर देने और चरपराहट के लिए एल ऑयल प्रोफाइल डाई सल्फाइड की मिलावट होती है। जो काफी कम मात्रा में पड़ता है और सेंट का काम करता है। इससे व्यापारी प्रति लीटर 30 से 35 रुपये का मार्जन कमाता है। तेल का खेल करोड़ों का है, थोक से लेकर फुटकर व्यापारी इस खेल में शामिल है और लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर अपनी जेब भर रहे हैं। मिर्च में ईंट का बुरादा, हल्दी में मिलती पीला रंग व पिसी खड़िया : पिसी लाल मिर्च और हल्दी भी मिलावट से अछूती नहीं रही। मिलावटखोर हल्दी में पीला रंग और पिसी खड़िया मिलाते है। तो मिर्च में ईंट का बुरादा मिलाया जा रहा है। एक्सपर्ट बोले ..

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अतुल पाठक ने बताया कि मिलावट का कारोबार गली-गली फैला है। खाद्य सुरक्षा विभाग लगातार मिलावट के विरुद्ध अभियान चलाता है। खाद्य पदार्थों में मिलावट पाई जाती है। विभाग तो समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाता है, लेकिन लोगों को स्वयं भी जागरूक रहना होगा। एक्सपायरी देखकर लोग सामग्री खरीदे।

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