हरियाली के लिए एनजीओ भी जागरूक नहीं

By Edited By: Publish:Sat, 20 Sep 2014 06:32 PM (IST) Updated:Sat, 20 Sep 2014 06:32 PM (IST)
हरियाली के लिए एनजीओ भी जागरूक नहीं

हरदोई, जागरण संवाददाता : बात कवि कुमार निर्मलेंदु की एक रचना से शुरू करते हैं। जिसमें कवि ने वृक्ष की महत्ता को कुछ इस तरह से बताया है - वृक्ष तुम्हारे हैं बुजुर्ग, हैं पौधे प्यारे बच्चे। विस्तृत अरण्य तेरे कुटुंब, तरु साथी तेरे सच्चे, ये वृक्ष जिंदगी देते हैं। दक्षिणा नहीं कुछ लेते हैं, देकर अमृत-सा प्राण वायु छोड़े सांसों को पीते हैं। जो हमें चाहिए देते हैं, जो नहीं चाहिए लेते हैं। बांटते अमिय नर जाति बीच, फिर गरल मनुज के पीते हैं। ये वृक्ष जिंदगी देते हैं ..की जानकारी के बाद भी जिले में हरियाली के प्रति गैर सरकारी संगठनों में कोई रुचि नहीं दिखाई दे रही है। इसे वृक्षों की महत्ता की जानकारी न होना कहा जाए या फिर एनजीओ इसके प्रति जागरूक नहीं हैं।

विभिन्न सरकारी कार्यो, कार्यक्रमों आदि में सक्रिय भूमिका का दावा करने वाले एनजीओ के संचालकों को शायद पर्यावरण और हरियाली संरक्षण के प्रति जानकारी ही नहीं है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वन विभाग में एक भी एनजीओ पंजीकृत नहीं है। जबकि मलाई वाले विभागों में सैकड़ों की संख्या में एनजीओ की सूची उपलब्ध है। ऐसी योजनाओं का संचालन करने वाले विभागों के पास एनजीओ के आवेदन भी काफी संख्या में मिल जाएंगे।

कागजों पर पर्यावरण के प्रति जागरूकता भले ही एनजीओ कर रहे हों। लेकिन जब बात पर्यावरण और हरियाली संरक्षण की आती है तो जिले में इसके प्रति एनजीओ में कोई जागरूकता दिखाई नहीं दी है।

जिले में संचालित हो रहे हैं 300 से अधिक एनजीओ : गैर सरकारी संगठन संचालित करने वालों की भी जिले में कमी नहीं है। जानकारों की माने तो जिले में 300 से अधिक एनजीओ संचालित हो रहे हैं। इनमें कुछ एनजीओ के कार्यालय दिखाई भी देते हैं, जबकि अधिसंख्य एनजीओ कागजों पर ही कार्यकाल को पूरा किया करते हैं।

वन विभाग से नहीं मिलता अनुदान : जिले के प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी वन प्रभाग आरके त्रिपाठी का कहना है कि जिले में एक भी एनजीओ विभाग में पंजीकृत नहीं है। वह कहते है कि विभाग की ओर से पौधरोपण कराने पर एनजीओ को कोई अनुदान राशि नहीं मिलती है। वजह कुछ भी हो, लेकिन अब तक उनके पास पौधरोपण के लिए किसी एनजीओ संचालक ने संपर्क किया है। वह कहते हैं कि विभाग की ओर से पौधरोपण कराया जा रहा है।

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