लापरवाही: सरकारी कार्यालय के परिसर में जलाया जा रहा कूड़ा
संवाद सहयोगी गढ़मुक्तेश्व पराली जलाने के नाम पर किसानों के खेतों की सेटेलाइट से निगरानी क
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्व
पराली जलाने के नाम पर किसानों के खेतों की सेटेलाइट से निगरानी कराने वाला प्रशासन सरकारी कार्यालय परिसर तक की निगरानी नहीं कर पा रहा है। सरकारी कार्यालय परिसर में खुलेआम कूड़ा जलाया जा रहा है, परंतु किसानों पर शिकंजा कसने वाले अफसर इस तरफ कोई तवज्जोह देने को तैयार नहीं हैं और संबंधित अधिकारी जानकारी न होने की बात कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।
हवा में फैलने वाले प्रदूषण की रोकथाम को लेकर एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट ने कड़े प्रावधान किए हुए हैं, जिसके तहत फसलों के अवशेष जलाने के साथ ही गांव और शहर कस्बों में कूड़ा जलाने पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया हुआ है। किसानों के खेतों की निगरानी सेटेलाइट से कराई जा रही है, जहां फसलों के अवशेष जलाने वाले किसानों से हजारों का जुर्माना वसूला जा रहा है। परंतु दूसरी ओर सरकारी विभागों में धड़ल्ले से जलाए जा रहे कूड़े पर तहसील प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है, जबकि संबंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस विषय में कोई जानकारी न होने का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। सिभावली गन्ना विकास समिति परिसर में सोमवार को दिनदहाड़े आग लगाकर कूड़ा जला दिया गया, जो थाने से महज बीस गज की दूरी पर है। देखा जाए तो एनजीटी ने पुलिस को भी कूड़ा जलाने वालों की निगरानी से लेकर उन्हें चिह्नित करने का जिम्मा सौंपा हुआ है, परंतु सुबह करीब 11 बजे गन्ना समिति परिसर में जल रहे कूड़े की तरफ पुलिस ने भी कोई ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। --------
क्या कहते हैं अधिकारी
सिभावली गन्ना विकास समिति के सचिव राकेश कुमार का कहना है कि सफाई कर्मी द्वारा कूड़े में आग लगाने की सूचना मिली है, जिसके आधार पर जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
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एसडीएम विजय वर्धन तोमर का कहना है कि इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली है, परंतु अब जांच पड़ताल कराकर एनजीटी के प्रावधान के तहत कार्रवाई की जाएगी।