Paush Purnima 2022: पौष पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी, बाजार में छायी रौनक

Paush Purnima 2022 पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर ब्रजघाट स्थित गंगा किनारे सुबह ब्रह्मकाल मुहूर्त में श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की लगाई डुबकी लगाई तथा सूर्य देव को प्रणाम कर अर्ध्य दिया। श्रद्धालुओं ने ब्राह्मण व गरीब निराश्रितों को तिल गुड़ कंबल व ऊनी वस्त्र दान किए।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 12:09 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 12:50 PM (IST)
Paush Purnima 2022: पौष पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी, बाजार में छायी रौनक
ब्रजघाट तीर्थनगरी में चहल पहल बढने के साथ ही बाजारों में भी रंगत बढ़ गई।

हापुड़/ब्रजघाट, संवाद सहयोगी। पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर ब्रजघाट स्थित गंगा किनारे सुबह ब्रह्मकाल मुहूर्त में श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की लगाई डुबकी लगाई तथा सूर्य देव को प्रणाम कर अर्ध्य दिया। श्रद्धालुओं ने ब्राह्मण व गरीब निराश्रितों को तिल, गुड़, कंबल व ऊनी वस्त्र दान किए।

पौष माह की पूर्णिमा पर ब्रजघाट में गंगा स्नान करने के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान समेत बाहरी प्रांतों के श्रद्धालुओं का आगमन रविवार की शाम को ही प्रारंभ हो गया था, जिसके चलते ब्रजघाट तीर्थनगरी में चहल पहल बढने के साथ ही बाजारों में भी रंगत बढ़ गई।

सोमवार को प्रात: काल चार बजे ब्रह्म मुहूर्त में ही श्रद्धालुओं ने मोक्ष दायिनी में आस्था की डुबकी लगानी प्रारंभ कर दी थी। वहीं गांव लठीरा के कच्चे घाटों पर भी पहुंचकर स्थानीय श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। दोनों स्थानों पर सुबह नो बजे तक करीब 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।

गरीब-निराश्रितों को भोजन-वस्त्र का दान दिया

दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, मुरादाबाद, फरीदाबाद जैसे महानगरों से आए धनाढ्यों ने गंगा स्नान के उपरांत तीर्थनगरी में ब्राह्मण, गरीब-निराश्रितों को भोजन-वस्त्र का दान देकर पुण्यार्जित किया।

आज से माघ स्नान पर्व प्रारंभ

पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि पौष पूर्णिमा से माघ स्नान पर्व भी प्रारंभ हो गया है, जो एक माह तक चलेगा। इस माह में सूर्योदय से पूर्व गंगा में डुबकी लगाकर गरीब-निराश्रितों को भोजन-वस्त्र, लकड़ी, तिल का दान तथा ब्राह्मणों को दक्षिणा देने वाले पापों से मुक्त होकर मनोवांछित फल और स्वर्ग के भागीदार बनते हैं।

उन्होंने बताया कि माघ माह में पितरों का श्राद्ध, प्रयाग में कल्पवास, त्रिवेणी में डुबकी और गढ़-ब्रजघाट में गरीब-निराश्रितों को दान करने का विशेष धार्मिक महत्व है। इस माह में भगवान वासुदेव और विष्णु की पूजा अर्चना करना भी बेहद शुभ माना जाता है।

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