जिला शुल्क नियामक समिति सुनेगी शुल्क संबंधी समस्या
प्राईवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए जिला सुल्क नियामक समिति का जिले में जल्द गठन होगा। अफसरों की माने तो बहुत जल्द ही कमेटी गठन प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसमें डीएम अध्यक्ष और जिला विद्यालय निरीक्षक सचिव होंगे। समिति के सदस्यों का चयन किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, हापुड़ : प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए जिला शुल्क नियामक समिति का जिले में जल्द गठन होगा। अफसरों की मानें तो बहुत जल्द ही कमेटी गठन प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसमें डीएम अध्यक्ष और जिला विद्यालय निरीक्षक सचिव होंगे। समिति के सदस्यों का चयन किया जा रहा है।
कई प्राइवेट स्कूलों द्वारा जब चाहें फीस वृद्धि करने, महंगी यूनीफार्म और पाठ्य पुस्तकें खरीदने का दवाब अक्सर अभिभावकों पर दवाब डालने की शिकायत मिलती रहती है। इस पर अंकुश लगाने के लिए शासन के निर्देश पर गत अप्रैल में मंडलीय नियामक शुल्क समिति का गठन हुआ था। जो बदलकर अब जिला नियामक शुल्क समिति बन गई है। जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र कुमार ने बताया कि कमेटी के गठन के लिए लगभग सभी तैयारी पूरी हो गई है। सदस्यों का चयन भी लगभग हो चुका है। बहुत जल्द जिलाधिकारी की अनुमति पर समिति का गठन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि समिति का कार्य फीस निर्धारण करना है। सभी स्कूलों के फीस विवरण की जानकारी वेबसाइट पर आम जनता को मिलेगी।
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समिति के यह होंगे कार्य-
- समिति जांचेगी कि तीन साल तक कोई भी स्कूल निर्धारित यूनीफार्म न बदले।
- स्कूल प्रबंधन गाइड बुक लेने को प्रेरित तो नहीं कर रहा।
- फीस वृद्धि की जानकारी स्कूल पहले समिति को देगा और मंजूरी लेना पड़ेगा।
- फीस विवरण की जानकारी स्कूल अपने सूचना बोर्ड पर अंकित करेगा, स्कूल की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे।
- किसी खास दुकान से पुस्तकें खरीदने का दबाव तो स्कूल द्वारा नहीं डलवाया जा रहा है।
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इस तरह होगी शिकायत
फीस वृद्धि, यूनीफार्म सहित कई अन्य समस्याओं पर अभिभावक पहले स्कूल प्रबंधक के समक्ष शिकायत करेंगे। अगर 15 दिन में शिकायत का निस्तारण नहीं होता है तो समिति में शिकायत की जा सकती है। समिति एक माह में शिकायत का निस्तारण कर अपने जांच रिपोर्ट के बारे में अभिभावक को अवगत कराएगी।