गंगा में नौ अक्टूबर से शुरू होगी डॉल्फिन की गिनती

गंगा की धारा में डॉल्फिन की गिनती नौ अक्तूबर से शुरू की जाएगी। व‌र्ल्ड वाइल्ड फंड की टीम देखेगी कि गंगा में कितनी डॉल्फिन हैं। पिछले कुछ सालों से गंगा में डॉल्फिन की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। व‌र्ल्ड वाइल्ड फंड की टीम को उम्मीद है कि इस साल डॉल्फिन की संख्या और बढ़ेगी। गंगा में यह गिनती बिजनौर से जनपद बुलंदशहर से नरौरा तक होगी। गढ़मुक्तेश्वर में यह टीम गंगा में पाई जाने वाली डॉल्फिन दुर्लभ है। साल 2009 में केंद्र सरकार ने डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया था। तब से गंगा में डॉल्फिन की गिनती की जाती है। मेरी गंगा मेरी सूंस अभियान के तहत व‌र्ल्ड वाइल्ड फंड की टीम गंगा में डॉल्फिन की गिनती करती है। बिजनौर से नरौरा तक गंगा की करीब 225 किलोमीटर धारा में डॉल्फिन की गिनती की जाती है। साल 2016 में गंगा में 30 डॉल्फिन मिली थीं। 2017 में इनकी संख्या बढ़कर 32 और 201

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Oct 2019 04:31 PM (IST) Updated:Wed, 09 Oct 2019 06:22 AM (IST)
गंगा में नौ अक्टूबर से शुरू होगी डॉल्फिन की गिनती
गंगा में नौ अक्टूबर से शुरू होगी डॉल्फिन की गिनती

जागरण संवाददाता, हापुड़:

गंगा में डॉल्फिन की गिनती नौ अक्टूबर से शुरू की जाएगी। व‌र्ल्ड वाइल्ड फंड की टीम गंगा में डॉल्फिन की गिनती शुरू करेगी। विगत कुछ वर्षों से गंगा में डॉल्फिन की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। उम्मीद है कि इस वर्ष डॉल्फिन की संख्या पहले से काफी अधिक होगी। गंगा में यह गिनती बिजनौर से जनपद बुलंदशहर से नरौरा तक होगी।

गंगा में पाई जाने वाली डॉल्फिन दुर्लभ है। वर्ष 2009 में केंद्र सरकार ने डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया था। तब से गंगा में डॉल्फिन की गिनती की जाती है। 'मेरी गंगा मेरी सूंस' अभियान के अंतर्गत व‌र्ल्ड वाइल्ड फंड की टीम गंगा में डॉल्फिन की गिनती करती है। बिजनौर से नरौरा तक लगभग 225 किलोमीटर की दूरी तक गंगा में डॉल्फिन की गिनती की जाती है। वर्ष 2016 में गंगा में 30 डॉल्फिन पाई गई थीं। वर्ष 2017 में इनकी संख्या बढ़कर 32 और 2018 में 33 हो गई। विगत तीन वर्षों में गंगा में डॉल्फिन की संख्या लगातार बढ़ रही है। हालांकि गत वर्ष गंगा में डॉल्फिन के दो शव भी मिले थे। बिजनौर में गंगा बैराज से डॉल्फिन की गिनती की शुरूआत की जाएगी। डॉल्फिन ज्यादा देर तक पानी में नहीं रह पाती हैं। वे हर तीन मिनट बाद सांस लेने के लिए पानी से बाहर आती हैं। इसी आधार पर डॉल्फिन की गिनती की जाती है। व‌र्ल्ड वाइल्ड फंड के परियोजना अधिकारी संजीव यादव के अनुसार नौ अक्टूबर से बिजनौर स्थित गंगा बैराज से डॉल्फिन की गिनती शुरू की जाएगी। इस वर्ष भी डॉल्फिन की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

------------- -गत वर्ष मिले थे तीन शावक

गत वर्ष डॉल्फिन की गिनती किए जाने के समय तीन शावक भी मिले थे। डॉल्फिन की उम्र 30 वर्ष होती है। यह दस वर्ष की उम्र में वयस्क होती हैं। यह दो से तीन वर्ष में एक बार प्रजनन करती हैं।

--------------- --वर्षवार डॉल्फिन की गणना

-वर्ष 2015

बिजनौर से गढ़मुक्तेश्वर तक -11,गढ़मुक्तेश्वर से नरोरा तक-11

-वर्ष 2016

बिजनौर से गढ़मुक्तेश्वर तक-13, गढ़मुक्तेश्वर से नरोरा तक-17

-वर्ष 2017

बिजनौर से गढ़मुक्तेश्वर तक-17, गढ़मुक्तेश्वर से नरोरा तक-15

-वर्ष 2018

बिजनौर से गढ़मुक्तेश्वर तक-18, गढ़मुक्तेश्वर से नरोरा तक-15

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