धारा 370 बनी रोड़ा, चाह कर भी वापस नहीं लौट पाए जम्मू

शहर में रहने वाले एक परिवार के सदस्यों ने कई वर्षों तक प्रयास किया कि वह वापस अपने प्रदेश जम्मू लौट कर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रहें। लेकिन दिक्कत यह आई के परिवार के बच्चों का जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ इस कारण धारा 370 के कारण उनका वापस लौटने का सपना चकनाचूर हो गया। अब केंद्र सरकार ने धारा 370 हटाने का प्रस्ताव राज्य सभा में रखा तो परिवार के सदस्यों में हर्ष की लहर दौड़ गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Aug 2019 07:25 PM (IST) Updated:Thu, 08 Aug 2019 06:17 AM (IST)
धारा 370 बनी रोड़ा, चाह कर भी वापस नहीं लौट पाए जम्मू
धारा 370 बनी रोड़ा, चाह कर भी वापस नहीं लौट पाए जम्मू

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

शहर में रहने वाले एक परिवार के सदस्यों ने कई वर्षों तक प्रयास किया कि वह वापस अपने प्रदेश जम्मू-कश्मीर लौट कर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रहें, लेकिन दिक्कत यह आई कि परिवार के बच्चों का जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ। धारा 370 के कारण उनका वापस लौटने का सपना चकनाचूर हो गया। अब केंद्र सरकार ने धारा 370 हटाने का प्रस्ताव राज्यसभा में रखा तो परिवार के सदस्यों में हर्ष की लहर दौड़ गई।

कसेरठ बाजार निवासी भाजपा कार्यकर्ता व पूर्व सभासद विनोद गुप्ता ने बताया कि वर्ष 1950 में उनके पिता स्वर्गीय चमन लाल गुप्ता एक कंपनी में कार्यरत थे और हापुड़ में कंपनी के शोरूम पर कंपनी की ओर से नियुक्ति हुए थे। कुछ साल काम करने के बाद उनकी शादी हापुड़ निवासी युवती से हुई थी। कुछ समय बाद उनके तीन पुत्र और एक पुत्री हुई। चमनलाल गुप्ता के पांच भाई और दो बहनों का पूरा परिवार जम्मू में ही रहता है। कुछ वर्ष बाद उनका मन हुआ कि वह वापस परिवार के साथ जम्मू लौट जाएं लेकिन, उनका यह सपना धारा 370 के कारण पूरा नहीं हो सका था। क्योंकि उनकी पत्नी और बच्चों का जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था। वर्ष 1954 में यह धारा जम्मू में लागू हो गई थी। काफी प्रयास करने के बाद भी वह वापस नहीं लौट पाए।

सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में धारा 370 वापस करने का प्रस्ताव पेश किया। सदन में इसके पास होने की उम्मीद को लेकर यह निश्चित था कि प्रस्ताव पास हो जाएगा और खुशी की लहर दौड़ गई।

पूर्व सभासद विनोद गुप्ता ने बताया कि देश में आजादी के बाद किसी भी सरकार का देशहित में यह सबसे बड़ा कदम है। धारा 370 खत्म करने का फैसला स्वागत योग्य है। सरकार के इस कदम का स्वागत करते हैं। आंखों में आंसू आते ही पूर्व सभासद का मन काफी व्याकुल हो गया था। उनका कहना था कि आज पिता जी हमारे बीच होते तो उन्हें इस निर्णय पर काफी खुशी होती।

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