संक्रामक बीमारियों का प्रकोप, महिला की मौत

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : गांव-गांव फैली मच्छर जनित एवं संक्रामक बीमारी की रोकथाम में स

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Sep 2017 03:01 AM (IST) Updated:Mon, 04 Sep 2017 03:01 AM (IST)
संक्रामक बीमारियों का प्रकोप, महिला की मौत
संक्रामक बीमारियों का प्रकोप, महिला की मौत

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : गांव-गांव फैली मच्छर जनित एवं संक्रामक बीमारी की रोकथाम में सेहत महकमा फेल है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते कोतवाली क्षेत्र के मेरापुर गांव निवासी एक महिला की मौत हो गई। परिजनों ने डाक्टरों पर इलाज न करने का आरोप लगाया।

सदर कोतवाली क्षेत्र के मेरापुर गांव निवासी सुरेश निषाद की पत्नी प्रेमा एक सप्ताह से बुखार से पीड़ित चल रही थी। शनिवार रात उसकी तबीयत अधिक खराब हो गई। वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ी। उसे तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां मौजूद डाक्टरों ने महिला का इलाज किए बिना ही कानपुर रेफर कर दिया। महिला ने रास्ते में नौबस्ता के पास दम तोड़ दिया। सुरेश निषाद ने बताया कि जिला अस्पताल के डाक्टरों ने लापरवाही बरती। उसकी पत्नी को देखे बिना ही रेफर कर दिया। उसने कहा कि अगर डाक्टर प्राथमिक उपचार कर देते तो उसकी जान बच जाती। महिला की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। महिला के ¨रकी, ¨पकी, संगीता व एक पुत्र कामता है। दो पुत्रियों की शादी हो चुकी है। सुरेश मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता है।

डाक्टरों की कमी, मरीजों पर पड़ रही भारी

जिला अस्पताल से लेकर प्राथमिक व सामुदायिक अस्पताल तक डाक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं। इसका प्रभाव मरीजों पर पड़ता है। मरीज का सरकारी अस्पतालों में इलाज न होने से वह झोलाछाप डाक्टरों का सहारा लेते है। गांव में झोलाछाप डाक्टर मरीजों का इलाज कर ठीक करने का आश्वासन देते हैं। ऐसे में कई बार मरीजों की हालत तक बिगड़ चुकी है। डाक्टरों की कमी के चलते कई पीएचसी में ताला लटके हुए है सा फिर वहां पर फार्मासिस्ट मरीजों की सेहत सुधार रहे है।

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