विकास ने नाम पर छले गए ग्रामीण, सुविधाएं नहीं

एक दशक से बरगदवा सोयम के ग्रामीण उपेक्षा का दंश झेल रहे है। हर पंच वर्षीय योजना में विकास के नाम जन प्रतिनिधि इन्हें छलने का काम करते रहे पर लोगों को पेयजल नाली सड़क एवं आवास जैसी मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया नहीं हो सकी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 09:54 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 10:01 PM (IST)
विकास ने नाम पर छले गए ग्रामीण, सुविधाएं नहीं
विकास ने नाम पर छले गए ग्रामीण, सुविधाएं नहीं

सिद्धार्थनगर : एक दशक से बरगदवा सोयम के ग्रामीण उपेक्षा का दंश झेल रहे है। हर पंच वर्षीय योजना में विकास के नाम जन प्रतिनिधि इन्हें छलने का काम करते रहे पर लोगों को पेयजल, नाली, सड़क एवं आवास जैसी मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया नहीं हो सकी।

खेसरहा विकास क्षेत्र स्थित इस ग्राम पंचायत में कुल चार टोले शामिल हैं। जिसकी कुल आबादी ढाई हजार के पार है। बटुलहा, मंझरियां एवं बड़डाड़ टोले में पेयजल, सड़क, नाली और आवास के लिए लोग तरस रहे। गांव का मुख्य मार्ग भी कीचड़ से सना रहता है। बावजूद गांव के जिम्मेदार आंख बंद किए रहते हैं। बीते चुनाव में वादे तो बहुत किए गए पर जो गांव की सरकार बनी वह भी अभी तक विकास के नाम पर अभी तक चुप्पी साधे बैठी है। गांव के आधा दर्जन लोग इस कड़ाके की ठंड में फूस की झोपड़ी व पन्नी के नीचे गुजारा कर रहे। रामफेर ने कहा कि जब चुनाव का समय आता है तो लोक लुभावन वादा कर वोट ले लेते हैं। उसके बाद हम गरीबों को उसी दशा में छोड़ देते है।

जगन्नाथ का कहना है कि गांव में नाली का अभाव है। अधिकांश लोगों के घरों का पानी गलियों व मुख्य पर फैलता है। जिससे कीचड़ में लोग आते जाते हैं। निर्मला का कहना है कि

हमारे गांव में चार छह लोगों को छोड़ कर किसी के पास शौचालय नहीं है। शौच के लिए गांव के आधे से अधिक लोग बाहर ही जाते हैं। राम स्वरूप ने कहा कि लोग कहते है कि गांव में सड़क बन रही, शौचालय बन रहे है, नाली बन रही है पर मेरे गांव में इस तरह का कोई काम 10 वर्ष से हुआ ही नहीं।

खेसरहा के बीडीओ राज कुमार का कहना है कि बहुत सारे गांव में समस्या सामने आ रही है। जिसे एक एक कर दूर किया जा रहा है। इस गांव में दस वर्ष से कोई विकास कार्य नहीं हुआ यह काफी दुखद है। गांव का निरीक्षण करके वहां की भी कमियों को दूर किया जाएगा।

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