दो और निजी लैब को मिली Coronavirus जांच की अनुमति Gorakhpur News

पूल टेस्टिंग के जरिये गोरखपुर-बस्ती मंडल के सभी जिलों से बड़ी संख्या में सैंपल आ रहे हैं। इसकी मेडिकल कॉलेज व क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र पर जांच का दबाव बढ़ गया है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Mon, 22 Jun 2020 05:46 PM (IST) Updated:Mon, 22 Jun 2020 05:46 PM (IST)
दो और निजी लैब को मिली Coronavirus जांच की अनुमति Gorakhpur News
दो और निजी लैब को मिली Coronavirus जांच की अनुमति Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। सैंपलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शासन ने दो और निजी लैब को कोरोना जांच के लिए मंजूरी दी है। इनमें एक शहर की लैब है, जबकि दूसरी लैब का यहां कलेक्शन सेंटर है। तीन लैब के कलेक्शन सेंटर पहले से सक्रिय हैं, जिन्हें जांच की अनुमति पहले से है। अब पांच निजी लैब में कोरोना की जांच हो सकेगी।

पूल टेस्टिंग के जरिये गोरखपुर-बस्ती मंडल के सभी जिलों से बड़ी संख्या में सैंपल आ रहे हैं। इसकी वजह से बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज व क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र पर जांच का दबाव बढ़ गया है। जांच रिपोर्ट आने में दो-तीन दिन लग जा रहे हैं। इधर निजी अस्पतालों में ओपीडी शुरू हो गई है। इसके चलते सैंपल की संख्या बढऩे की उम्मीद है, इसलिए शासन ने दो और निजी लैब को कोरोना जांच के लिए अनुमति प्रदान की है। इनमें शहर की तिलक पैथालॉजी ट्रूनेट मशीन से कोरोना जांच करेगी। इसके अलावा एसआरएल, लाल पैथ, पैथकाइंड और पैथवर्ड के कलेक्शन सेंटर नमूने लेकर जांच के लिए गुडग़ांव और दिल्ली स्थित लैब में भेजेंगे। सीएमओ डॉ.श्रीकांत तिवारी ने बताया कि दो और लैब को जांच के लिए मंजूरी दी गई है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि निजी लैब शासन से तय रेट पर ही जांच कर रही हैं।

10 दिन में डिस्चार्ज होंगे बिना लक्षणों वाले मरीज

बिना लक्षणों वाले कोरोना मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने पर अब 10 दिन में ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। हालांकि इसके बाद एक सप्ताह तक उन्हें घर में क्वारंटाइन रहने की सलाह दी जाएगी। यदि उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई तो उनकी दोबारा जांच भी नहीं की जाएगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अभी तक पूर्वांचल में मिलने वाले कोरोना के मरीजों में 90 फीसद ऐसे हैं जिनमें कोई लक्षण नहीं थे। उनकी जांच ट्रैवेल हिस्ट्री के आधार पर कराई गई तो वे पॉजिटिव पाए गए। ये मरीज अधिकतम 10 दिन में निगेटिव भी हो गए। पर, पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार इन्हें 14 दिन कोरोना वार्ड में रखना पड़ता था। इससे वार्ड भरे रहते थे। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, अमित मोहन प्रसाद ने कोरोना मरीजों को डिस्चार्ज करने को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 

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