हज पर जाने के लिए बताना होगा आय का स्रोत, रिटर्न न भरने पर लग सकता है जुर्माना

हज पर जाने वाले लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न भरना जरूरी होगा। रिटर्न भरने पर ही अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए क्लीयरेंस सर्टिफिकेट मिलेगा। इसके लिए चार्डर्ट एकाउंटेंट से मदद लेनी पड़ेगी। अगले वर्ष के लिए आवेदन प्रक्रिया नवंबर से शुरू होने की उम्मीद है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 08:30 AM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 08:30 AM (IST)
हज पर जाने के लिए बताना होगा आय का स्रोत, रिटर्न न भरने पर लग सकता है जुर्माना
हज यात्रा पर जाने वाले के लिए फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। अगले वर्ष मुकद्दस हज यात्रा पर जाने की सोच रहे लोगों के लिए बड़ी खबर है। उन्हें यात्रा से पहले अपनी आय का स्रोत बताना होगा। ऐसा नहीं करने पर न्यूनतम एक हजार और अधिकतम दस हजार रुपए तक जुर्माना देना पड़ सकता है। दो लाख रुपये से अधिक खर्च वाली धार्मिक यात्रा पर आयकर रिटर्न भरना जरूरी है। हज के लिए प्रति यात्रा 2.10 लाख से लेकर 2.42 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। हर साल खर्च में पांच से दस फीसद की बढ़ोतरी भी होती है।

नवंबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने की उम्‍मीद

कोरोना की वजह से इस वर्ष हज यात्रा स्थिगत हो गई थी। अगले वर्ष के लिए आवेदन प्रक्रिया नवंबर से शुरू होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि इस बार आवेदनों की संख्या बीते वर्ष के मुकाबले डेढ़ गुनी हो सकती है। लोग महीनों से आवेदन फार्म मिलने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने एक नया निर्देश जारी किया है जिसके तहत हज पर जाने वालों को आमदनी का जरिया बताना होगा।

दो लाख से अधिक खर्च वाली धार्मिक यात्रा पर आयकर रिटर्न भरना जरूरी

हज पर जाने वाले लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न भरना जरूरी होगा। रिटर्न भरने पर ही अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए क्लीयरेंस सर्टिफिकेट मिलेगा। इसके लिए चार्डर्ट एकाउंटेंट से मदद लेनी पड़ेगी। खादिमुल हुज्जाज कमेटी के सदस्य मो. शहाबुद्दीन ने बताया कि हज कमेटी आफ इंडिया ने वर्ष 2021 में हज पर जाने वालों को आय का स्रोत बताना जरूरी कर दिया है। वहीं लोग यात्रा कर सकेंगे जिनके पास चार्टर्ड अकाउंटेंट से तैयार किया हुआ सर्टिफिकेट होगा। लोगों को इस बारे में जानकारी दी जा रही है।

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