कुशीनगर में खुलेगा देश का पहला किन्नर विश्वविद्यालय, सांसद ने किया शिलान्‍यास Gorakhpur News

जनवरी से विद्यालय भवन का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इस समय विश्‍वविद्यालय के लिए अभी 40 डिस्मिल भूमि है। इसके लिए कम से कम 50 एकड़ भूमि की जरूरत है। सरकार से बातचीत हो रही है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Tue, 24 Dec 2019 12:00 PM (IST) Updated:Tue, 24 Dec 2019 12:00 PM (IST)
कुशीनगर में खुलेगा देश का पहला किन्नर विश्वविद्यालय, सांसद ने किया शिलान्‍यास Gorakhpur News
कुशीनगर में खुलेगा देश का पहला किन्नर विश्वविद्यालय, सांसद ने किया शिलान्‍यास Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कुशीनगर जिले के कसया तहसील के गांव नकटहा मिश्र में देश का पहला किन्नर (ट्रांसजेंडर) प्राथमिक केंद्रीय विश्वविद्यालय खुलेगा। इसमें किन्नर समाज के लोग प्राथमिक से लेकर उच्‍च शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। पहले चरण में प्राथमिक विद्यालय से शुरुआत होगी। उसके बाद क्रमश: विस्तार करते हुए जूनियर हाईस्कूल, इंटर कालेज और फिर विश्वविद्यालय संचालित होगा। अखिल भारतीय किन्नर शिक्षा सेवा ट्रस्ट द्वारा संचालित होने वाले इस विश्वविद्यालय का शिलान्यास देवरिया के सांसद डा. रमापतिराम त्रिपाठी ने किया।

किन्नर को समाज की मुख्य धारा में जोड़ेगा विवि

सांसद ने कहा कि किन्नर को समाज की मुख्य धारा में जोडऩे के लिए ऐसे शिक्षण संस्थान की स्थापना पुनीत कार्य है। इससे इस समाज के लोग अन्य व्यक्तियों की तरह शिक्षित होकर अपने समाज को नई दिशा दे सकेंगे। विशिष्ट अतिथि विधायक गंगा सिंह कुशवाहा ने कहा कि किन्नर विद्यालय की स्थापना होने से इस समाज के लोगों को भी पढऩे-लिखने की बेहतर सुविधा मिल सकेगी। शिलान्यास कार्यक्रम को जिला पंचायत अध्यक्ष विनय गोंड, हियुवा के जिला संयोजक चंद्रप्रकाश चमन, छात्र नेता सत्यम शुक्ला ने भी संबोधित किया। संचालन वैभव मिश्रा व गुड्डी किन्नर ने किया। इस मौके पर किन्नर समाज की बरखा, पायल, नायक राजकुमारी किन्नर, अनिता, भाजपा नेता अजय तिवारी, राधेश्याम पांडेय, राणाप्रताप मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

खर्च होंगे दो सौ करोड़

ट्रस्ट के अध्यक्ष कृष्ण मोहन मिश्र के मुताबिक विश्वविद्यालय पर दो सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें कक्षा एक से लेकर पीएचडी तक सभी विषयों की पढ़ाई की व्यवस्था होगी। यह भारत का इकलौता ऐसा संस्थान होगा, जिसमें इस समाज के लोग उच्‍च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। केंद्र सरकार ने भी मदद करने का आश्वासन दिया है। जनवरी से विद्यालय भवन का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इस समय विश्‍वविद्यालय के लिए अभी 40 डिस्मिल भूमि है। इसी पर इसका शिलान्‍यास हुआ है। कम से कम 50 एकड़ भूमि की जरूरत है। इसके लिए सरकार से और मानव संसाधन विभाग आदि से बातचीत चल रही है। उम्‍मीद है कि बातचीत सार्थक  होगी।

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