गोरखपुर के इस अस्‍पताल में डाक्टर न पर्चा, इलाज फिर भी पुख्ता, जानें-कैसी है यह व्‍यवस्‍था Gorakhpur News

रविवार को छोड़कर यह केंद्र सुबह आठ से शाम चार बजे तक चलता है। इस पेपरलेस अस्पताल में मरीजों को डाक्टरी सलाह हैदराबाद में बैठे विशेषज्ञ देते हैं। 25 तरह की जांच यहां मुफ्त हो रही है

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Fri, 15 Nov 2019 07:22 PM (IST) Updated:Sat, 16 Nov 2019 08:00 AM (IST)
गोरखपुर के इस अस्‍पताल में डाक्टर न पर्चा, इलाज फिर भी पुख्ता, जानें-कैसी है यह व्‍यवस्‍था Gorakhpur News
गोरखपुर के इस अस्‍पताल में डाक्टर न पर्चा, इलाज फिर भी पुख्ता, जानें-कैसी है यह व्‍यवस्‍था Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। दिव्यनगर कालोनी के पास रामपुर में ऐसा ई- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुला है जो पूरी तरह हाइटेक है। इसमें न तो डॉक्टर बैठते हैं न ही पर्चा बनता है, बावजूद इसके मरीजों का इलाज हो जाता है। दो दर्जन से अधिक जांचें फ्री में हो जाती हैं तो दवाएं भी फार्मासिस्ट नहीं मशीनें बांटती हैं।

प्रोजेक्‍ट सफल रहा तो प्रदेश भर में लागू होगी व्‍यवस्‍था

गोरखपुर में शुरू हुआ टेली मेडिसिन का यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इस केंद्र का उद्देश्य ऐसे ग्रामीण मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय परामर्श दिलाना है, जो विशेषज्ञ डाक्टरों तक नहीं पहुंच पाते हैं। स्वास्थ्य विभाग और डाक आनलाइन संस्था के सहयोग से रामपुर में खुला यह केंद्र इसे साकार करने में जुटा है।

रविवार को बंद रहता है यह केंद्र

रविवार को छोड़कर यह केंद्र सुबह आठ से शाम चार बजे तक चलता है। इस पेपरलेस अस्पताल में मरीजों को डाक्टरी सलाह हैदराबाद में बैठे विशेषज्ञ देते हैं। इमरजेंसी के लिए दो बेड वाले अस्पताल में फिलहाल फार्मासिस्ट घनश्याम सिंह, जनरल नर्सिंग मेडवाइफ सरगम सिंह व लैब टेक्नीशियन प्रवीन तैनात हैं। अस्पताल पर मिले मरीज रामदयाल, रामनरायन, राजेंद्र चौरसिया, आसिया खातून व मिंटू देवी व्यवस्था से संतुष्ट नजर आए। सभी ने डाक्टर को अ'छा बताते हुए दवाएं मिलने की बात कही।

ऐसे होता है इलाज

आधार कार्ड नंबर से मरीज का पंजीकरण कर हेल्थ कार्ड बनाया जाता है। मरीज का ब्लड प्रेशर और वजन इस पर दर्ज होता है। मरीज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हैदराबाद में बैठे डॉक्टर को अपना मर्ज बताते हैं। अगर मरीज की जांच होनी है तो डाक्टर का निर्देश सीधे लैब में पहुंच जाता है। यहां की जांच रिपोर्ट सीधे चिकित्सक के पास चली जाती है। डॉक्टर आवश्यक दवाएं लिखकर भेज देते हैं जो सीधे फार्मासिस्ट के कंप्यूटर पर आती है। उनके ओके करते ही यह दवाएं आटोमेटिक मेडिसिन डिस्पेंस मशीन पर आ जाती हैं। मरीज खुद यहां से अपनी दवा ले लेते हैं। जाते समय मरीज को हिदायत दी जाती है कि अगली बार हेल्थ कार्ड लेकर जरूर आएं।

25 तरह की हो रही जांच

ब्लड प्रेशर, ब्लड सुगर, ईएसआर, ईसीजी, फायलेरिया, बलगम, हीमोग्लोबिन, टाइफाइड, डेंगू, मलेरिया, कालाजार, एचआइवी, प्रेग्नेंसी, यूरिन सहित 25 तरह की जांच यहां मुफ्त हो रही है। इस संबंध में सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने कहा कि बिना डॉक्टर वाले स्वास्थ्य केंद्र पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो गया है। यहां रोजाना 20-22 मरीज आ रहे हैं। मरीजों को विशेषज्ञों से परामर्श व निश्शुल्क दवाएं दी जा रही हैं, जांच भी फ्री हो रही है। 

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