गोरखपुर के सभी अस्पतालों में वेंटीलेटर फुल, गंभीर मरीजों को नहीं मिल रही जगह Gorakhpur News
कोरोना अस्पतालों में सामान्य मरीजों के लिए बेड उपलब्ध हैं लेकिन जिन्हें वेंटीलेटर की जरूरत है ऐसे मरीजों के सामने इलाज का संकट उत्पन्न हो गया है। स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज से रोज चार-पांच गंभीर मरीज लौटाए जा रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना के अत्यधिक संक्रमण से जूझ रहे गंभीर मरीजों के सामने इलाज का संकट खड़ा हो गया है। सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में वेंटीलेटर वाले बेड फुल हो चुके हैं। गंभीर रूप से बीमार मरीजों को जगह नहीं मिल पा रही है। होम आइसोलेशन में रह रहे ज्यादातर मरीजों के पास केवल फोन जा रहे हैं। न तो स्वास्थ्य टीम पहुंच पा रही है और न ही दवाएं। ऐसे में मरीज भगवान भरोसे हैं।
कोरोना अस्पतालों में सामान्य मरीजों के लिए बेड उपलब्ध हैं लेकिन जिन्हें वेंटीलेटर की जरूरत है, ऐसे मरीजों के सामने इलाज का संकट उत्पन्न हो गया है। स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज से रोज चार-पांच गंभीर मरीज लौटाए जा रहे हैं। 150 बेड पर वेंटीलेटर हैं, सभी फुल हैं। पैनेशिया में न तो सामान्य बेड खाली हैं और न ही वेंटीलेटर वाले। 90 बेड के वार्ड में 22 पर वेंटिलेटर की सुविधा है। बांबे हास्पिटल में 10 बेड पर वेंटिलेटर हैं, सभी फुल हो चुके हैं। फातिमा में भी सभी बेड फुल हैं। बता दें कि गोरखपुर में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पिछले साल की अपेक्षा इस साल मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। एक एक दिन में तीन से चार सौ मरीज संक्रमित मिल रहे हैं। ऐसे में लोगों की चिंता बढ़ गई है। सबसे ज्यादा संकट कोरोना के उन मरीजों की हो रही है जो वृद्ध हैं अथवा अन्य रोग से भी ग्रसित हैं।
अस्पताल बेड खाली
उदय 05 05
टीबी 60 55
आरके इमरजेंसी 08 08
लेवल टू अस्पताल
अस्पताल बेड खाली
बीआरडी 150 114
टीबी 30 10
फातिमा 54 00
उदय 14 07
बांबे 19 19
आरके इमरजेंसी 04 02
दुर्गावती 20 19
पैनेशिया 48 00
गर्ग 40 16
लेवल थ्री अस्पतालों की स्थिति
अस्पताल बेड खाली
बीआरडी 150 00
पैनेशिया 22 00
बांबे हास्पिटल 10 10
जरूरत पड़ने पर मंगाए जाएंग वेल्टिनेटर
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय का कहना है कि इलाज की पूरी व्यवस्था की गई है। इसे और बढ़ाया जा रहा है। टीबी अस्पताल सहित अनेक निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर बढ़ाए जा रहे हैं। जरूरत पडऩे पर और वेंटिलेटर मंगाए जाएंगे। किसी को इलाज की दिक्कत नहीं होने पाएगी। शीघ्र ही कुछ और निजी अस्पतालों को इलाज की अनुमति दी जाएगी।