सीबीआइ टीम ने घाटों का किया निरीक्षण, जानकारी जुटाई Gorakhpur News
दूसरे दिन छोटी गंडक नदी के चार घाटों कोटवा अहिरौली हेतिमपुर सबवट का निरीक्षण कर लोगों से जानकारी हासिल की। जानकारों का मानना है कि टीम सबूत जुटाने के लिए जनपद में दस्तक दी है।
गोरखपुर, जेएनएन। देवरिया जिले में अवैध बालू खनन के मामले में तत्कालीन डीएम, एडीएम समेत चार लोगों पर मुकदमा दर्ज कराने के छह माह बाद सीबीआइ ने देवरिया में फिर डेरा डाल दिया है। दूसरे दिन छोटी गंडक नदी के चार घाटों कोटवा, अहिरौली, हेतिमपुर, सबवट का निरीक्षण कर लोगों से जानकारी हासिल की। जानकारों का मानना है कि टीम सबूत जुटाने के लिए जनपद में दस्तक दी है।
पिछली सरकारों में चरम पर था बालू का अवैध खनन
पूर्ववर्ती सपा व बसपा सरकार में जनपद के छोटी गंडक नदी व सरयू नदी में अवैध बालू खनन का कारोबार चरम पर था। सफेद बालू से कई लोग मालामाल हो गए। उस दौर में कई सफेदपोशों की तूती बोलती थी। जिनके राजनीतिक रसूख के चलते जिले के आला अधिकारी विरोध करने से डरते थे। यही वजह है कि बालू का कारोबार फलता फूलता रहा। बाद में हार्इकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ जांच शुरू हुई।
कई लोगों से हो चुकी है पूछताछ
सीबीआइ टीम दर्जनों लोगों से पूर्व में पूछताछ कर चुकी है, जिसमें पट्टाधारक व इस कारोबार से जुड़े लोग शामिल हैं। इस सिलसिले में सीबीआइ कई बार देवरिया में पहुंची और पूछताछ के बाद मौके का मुआयना भी किया।
डीएम समेत आठ लोगों पर दर्ज है मुकदमा
टीम ने जुलाई 2019 में तत्कालीन डीएम विवेक, तत्कालीन एडीएम प्रशासन डीएस उपाध्याय, खान निरीक्षक पंकज कुमार सिंह समेत आठ लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया था। टीम अब सबूत जुटाने में लगी है। विभागीय लोगों का कहना है कि कई लोगों ने अहम सबूत दिए हैं। इस संबंध में डीएम अमित किशोर ने बताया कि खनन मामले की जांच के लिए सीबीआइ टीम जनपद में आई है।