दिव्यांग बच्‍चों को शिक्षित कर स्वावलंबी बनाएंगे शिक्षक, ट्रेनिंग शुरू Gorakhpur News

मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने कहा कि आप सभी पूर्व मनोयोग से अपने प्रशिक्षण को पूर्ण करें जिससे हमारे बचों को उसका लाभ मिले। इन्हीं के ऊपर राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी है और यही बचे भारत के भविष्य हैं।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 23 Mar 2021 04:56 PM (IST) Updated:Tue, 23 Mar 2021 06:20 PM (IST)
दिव्यांग बच्‍चों को शिक्षित कर स्वावलंबी बनाएंगे शिक्षक, ट्रेनिंग शुरू Gorakhpur News
आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन करते मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर। - जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। दिव्यांग बच्‍चों को शिक्षित करने वाले विशेष शिक्षकों को पहले अपनी संवेदना जगाने के साथ-साथ सकारात्मक रहना होगा। आप सभी को गर्व होना चाहिए कि ईश्वर ने इतने महत्वपूर्ण कार्य के लिए आपको चुना है। ऐसे में आप सभी इन बच्‍चों को शिक्षित कर उन्हें मुख्यधारा में लाकर स्वावलंबी बनाने में योगदान दें। यह पुण्य का कार्य है।

यह बातें मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने कही। वह गोकुल अतिथि भवन में साइंस लैंग्वेज ब्रेल रीडिंग एवं राइटिंग विषय पर विशेष शिक्षकों के तीन दिवसीय मंडल स्तरीय आवासीय प्रशिक्षण के उद्घाटन कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आप सभी पूर्व मनोयोग से अपने प्रशिक्षण को पूर्ण करें, जिससे हमारे ब'चों को उसका लाभ मिले। इन्हीं के ऊपर राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी है और यही ब'चे भारत के भविष्य हैं।

समाज की मुख्‍यधारा में शामिल होंगे बच्‍चे

अध्यक्षता करते हुए एडी बेसिक डा.सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से आप अपने सभी शिक्षण प्रशिक्षण में अग्रणी होंगे। इसका फायदा हमारे उन बच्‍चों को मिलेगा जो समाज की मुख्यधारा में आने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आपके प्रयास से ही वह समाज की मुख्यधारा में आएंगे और समाज और राष्ट्र के सामने एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करेंगे। प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में स्पेशल मास्टर ट्रेनर शशि त्रिपाठी तथा शालिनी वर्मा ने श्रवण बाधित बच्‍चों के लिए इंडियन साइन लैंग्वेज संप्रेषण व संप्रेषण के प्रकार की विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रकाश डाला। द्वितीय सत्र में देवरिया से मास्टर ट्रेनर पंकज शुक्ला ने कम्युनिकेशन विषय पर अपना प्रकाश डालते हुए बताया कि ब'चे कैसे शिक्षक की भाव-भंगिमा समझते और पढ़ते हैं।

मध्यांतर के बाद के सत्र में मास्टर ट्रेनर शालिनी वर्मा ने इंडियन साइन लैंग्वेज के तहत विभिन्न भाषाओं हिंदी, संस्कृत, इतिहास तथा अंग्रेजी आदि को संकेतों के माध्यम से बताया। इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।  इस दौरान बीएसए गोरखपुर बीएन सिंह, बीएसए महाराजगंज ओपी यादव, बीएसए देवरिया संतोष कुमार राय, बीएसए कुशीनगर विमलेश कुमार, विवेक जायसवाल, जितेंद्र गौतम, ज्ञानेंद्र सिंह, केके सिंह, आरती, अर्चना सिंह तथा अनिल दीक्षित आदि मौजूद रहे।

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