Chronic obstructive pulmonary disease : दवा लेने से भी खांसी ठीक न हो तो सतर्क हो जाएं Gorakhpur News

Chronic obstructive pulmonary disease किसी को थोड़ी बहुत खांसी आना सामान्‍य बात है लेकिन दवा लेने के बावजूद लंबे समय तक इसका ठीक ना होना चिंता का विषय है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 22 Sep 2019 12:29 PM (IST) Updated:Sun, 22 Sep 2019 01:05 PM (IST)
Chronic obstructive pulmonary disease : दवा लेने से भी खांसी ठीक न हो तो सतर्क हो जाएं Gorakhpur News
Chronic obstructive pulmonary disease : दवा लेने से भी खांसी ठीक न हो तो सतर्क हो जाएं Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। Chronic obstructive pulmonary disease किसी को थोड़ी बहुत खांसी आना सामान्‍य बात है लेकिन दवा लेने के बावजूद लंबे समय तक इसका ठीक ना होना चिंता का विषय है। बढ़ते प्रदूषण की वजह से ऐसी स्थिति में व्यक्ति को सावधान हो जाने की जरूरत है। यह श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज Chronic obstructive pulmonary disease) का भी लक्षण हो सकता है। यह बातें नई दिल्ली के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अंकित सिन्हा ने कहीं। पार्क रोड स्थित एक होटल में आयोजित वैज्ञानिक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा हमारे शरीर में फेफड़ा फिल्टर की तरह काम करता हैं। इसमें छोटे-छोटे वायु तंत्र होते हैं, जिन्हें एसिनस कहा जाता है। जब हम सांस लेते हैं तो फेफड़ों का यही हिस्सा शुद्ध ऑक्सीजन को छान कर उसे हृदय तक पहुंचाता है, फिर वहीं से ऑक्सीजनयुक्त रक्त का प्रवाह पूरे शरीर में होता है। इसके बाद बची हुई हवा फेफड़ों को दोबारा फिल्टर करके उसमें मौजूद नुकसानदेह तत्वों को सांस के साथ छोडऩे की पक्रिया के माध्यम से बाहर निकाल देती है। इस प्रक्रिया में बाधा पहुंचती है तो इससे सीओपीडी की समस्या पैदा होती है।

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के लक्षण

लम्बे समय से बनी हुई (क्रोनिक) खाँसी।

कफ आना (सफ़ेद, पीला या हरा)।

सांस लेने में दिक्कत आना।

सांस लेने पर आवाज होना।

छाती में जकड़न।

होंठों या नाखूनों में नीलापन (सायनोसिस)

बार-बार श्वसन तंत्र का इंफेक्शन

अचानक से वेट कम होना

सीओपीडी के प्रमुख कारण

स्मोकिंग

पॉल्यूशन (घर के अंदर, जैसे लकड़ी या कोयले पर खाना बनाना, दूसरा बाहरी पॉल्यूशन)

यह चीजें हैं फायदेमंद

लो फैट हाई प्रोटीन डाइट लें। जैसे चिकन, अंडे और मछली।

होल ग्रेन जैसे होल ग्रेन ब्रेड, चोकर, ब्राउन राइस, ओट्स। हाई फाइबर वाले फूड्स डायजेशन के लिए भी बेहतर होंगे।

फ्रेश फ्रूट्स और वेजीस । खास कर पोटैशियम रिच जैसे संतरे, टमाटर, अस्पार्गस, और आलू ।

यह खाना हो सकता है हानिकारक

सेब, एवोकेडो, तरबूज और खरबूज, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, पत्तागोभी, फूलगोभी, मक्का, मटर, मिर्च, सोयाबीन और दालें पेट फूलना और गैस उत्पन्न करती हैं, जो सीओपीडी से ग्रस्त लोगों में श्वसन की समस्या उत्पन्न करता है। डेयरी उत्पाद जैसे दूध और पनीर, चॉकलेट्स, तले हुए आहार और कैफीनयुक्त पेय जैसे कॉफ़ी, चाय, सोड़ा से भी बचना चाहिए।

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