सपा पार्षद ने उप नगर आयुक्त पर ताना जूता, विरोध में नगर निगम कर्मचारियों ने काम बंद किया
बेतियाहाता वार्ड के पार्षद विश्वजीत सिंह सोनू ने उप नगर आयुक्त से दुर्व्यवहार कर िदिया। आरोप है कि वार्ड में डस्टबीन रखवाने की बात को लेकर उन्होंने उप नगर आयुक्त को मारने के लिए जूता निकाल लिया था। इस मामले में मुकदमा दर्ज है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। डस्टबिन रखवाने को लेकर 13 अक्टूबर को नगर निगम में विवाद हो गया। आरोप है कि नोकझोंक के बीच बेतियाहाता वार्ड के सपा पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी सोनू ने उप नगर आयुक्त को मारने के लिए जूता उठा लिया। पार्षदों ने किसी तरह बीच-बचाव किया। घटना से नाराज नगर निगम के कर्मचारियों ने काम ठप कर दिया। उप नगर आयुक्त ने कोतवाली पुलिस को पार्षद के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज करने के लिए तहरीर दी है।
अपने वार्ड में डस्टबीन रखवाने की कर रहे थे पार्षद
उप नगर आयुक्त संजय शुक्ल ने बताया कि बेतियाहाता वार्ड के पार्षद 13 अक्टूबर को दोपहर उनके कमरे में आए और डस्टबिन रखने की मांग करने लगे। प्रभारी न होने के बाद भी मैंने डस्टबिन की व्यवस्था जल्द कराने का आश्वासन दिया। इससे पार्षद नाराज हो गए और बदलसूकी करने लगे। विरोध करने पर उन्होंने मुझे मारने के लिए जूता उठा लिया। बशारतपुर वार्ड के पार्षद राजेश तिवारी और राप्तीनगर के पार्षद बृजेश सिंह छोटू ने बीच-बचाव किया।
तीन डस्टबिन भेजा गया
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि दो दिन पहले पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने उनसे बात कर डस्टबिन टूटने की जानकारी दी थी। इसके बाद तीन डस्टबिन वार्ड में पहुंचाई गई थी।
पार्षद ने बड़ी डस्टबिन देने की कही बात
बशारतपुर वार्ड के पार्षद राजेश तिवारी ने कहा कि उप नगर आयुक्त और बेतियाहाता के पार्षद के बीच डस्टबिन का लेकर बात चल रही थी तो मैंने अपने वार्ड से डस्टबिन देने का प्रस्ताव रखा। लेकिन बात अनसुनी कर दी गई है।
सिटी मजिस्ट्रेट पहुंचे
नगर निगम में विवाद की जानकारी मिलने पर सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव और कोतवाली के क्षेत्राधिकारी व इंस्पेक्टर भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने उप नगर आयुक्त कक्ष में मौजूद नगर आयुक्त से मुलाकात की।
पार्षद बोले, जूता नहीं उठाया
बेतियाहाता वार्ड के पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी सोनू ने कहा कि डस्टबिन न होने के कारण वार्ड में गंदगी इधर-उधर फैल रही है। डेढ़ साल से डस्टबिन मांग रहा हूं लेकिन सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। बुधवार को डस्टबिन की मांग को लेकर पहुंचे तो उप नगर आयुक्त ने भला-बुरा कहते हुए कार्यालय से बाहर करने की चेतावनी दी। जूता नहीं उठाया। पता चला है कि उप नगर आयुक्त एफआइआर दर्ज करा रहे हैं। यदि जनहित के मुद्दे पर एफआइआर दर्ज होती है तो ऐसी कई कार्रवाई मंजूर है।