खुद कैंसर से लड़ रहीं हैं कैंसर पीडित बच्‍चों की मदद करने वाली सौम्या मल्‍ल

दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और परास्नातक करने वाली शहर की सौम्या मल्ल कैंसर से जूझ रही हैं। कभी कैंसर पीडि़त बच्‍चों के इलाज में मदद करने वाली सौम्या के इलाज का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। इलाज में पिता का आरओ प्लांट बंद हो चुका है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Sun, 03 Oct 2021 09:30 PM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 09:30 PM (IST)
खुद कैंसर से लड़ रहीं हैं कैंसर पीडित बच्‍चों की मदद करने वाली सौम्या मल्‍ल
खुद कैंसर से लड़ रहीं हैं कैंसर पीडित बच्‍चों की मदद करने वाली सौम्या मल्‍ल। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और परास्नातक करने वाली शहर की सौम्या मल्ल कैंसर से जूझ रही हैं। कभी कैंसर पीडि़त बच्‍चों के इलाज में मदद करने वाली सौम्या के इलाज का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। इलाज में पिता का आरओ प्लांट बंद हो चुका है। 15 लाख से ज्यादा रुपये खर्च हो चुके हैं। एसजी पीजीआइ लखनऊ में भर्ती सौम्या के इलाज में डाक्टरों ने 30 लाख रुपये का खर्च बताया है।

विभिन्‍न संगठनों से जुडकर कर रही थीं काम

गोरखनाथ के विनायकपुरम निवासी राकेश मल्ल की 23 वर्षीय बेटी सौम्या सामाजिक कार्यों में हमेशा आगे रहती हैं। पढ़ाई के दौरान ही सौम्या लावारिस बच्‍चों के लिए काम करने वाली संस्था उम्मीद ड्राप आफ होप, कैंसर पीडि़त बच्‍चों के लिए काम करने वाली संस्था मेक ए विश फाउंडेशन और नवजात बच्‍चों के लिए काम करने वाली संस्था यूनीसेफ के स्वयंसेवक के तौर पर जुड़ गई थीं।

कोरोना से संक्रमित होने के बाद बिगडने लगी तबीयत

पिछले साल कोरोना संक्रमण हुआ तो तबियत बिगडऩे लगी। पहले कमर में दर्द हुआ। एसजी पीजीआइ लखनऊ में इलाज के दौरान कमर के नीचे के हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। डाक्टरों ने कैंसर की जांच कराई तो पता चला कि सौम्या खून के कैंसर एक्यूट माइलायड ल्यूकेमिया (एएमएल) और एक्यूट माइलाइड सारकोमा (एएमएस) से जूझ रही हैं।

खून में तेजी से बढ रहा है कैंस

कैंसर तेजी से खून में बढ़ता जा रहा है। भाई लवीश ने बताया कि पिता का आरओ का काम इलाज में ठप हो चुका है। बताया कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और स्वयंसेवी संस्थाओं से मदद की लगातार गुहार लगा रहे हैं।

यह है एएमएल व एएमएस

एक्यूट माइलायड ल्यूकेमिया - रक्त कोशिकाओं की माइलायड लाइन का कैंसर है। यह अस्थि मज्जा और खून में पैदा होने वाली असामान्य कोशिकाओं में तेजी से फैलता है। एएमएल होने पर थकान महसूस हो सकती है। सांस में दिक्कत, संक्रमण आदि का खतरा बढ़ जाता है। एक्यूट मायलोइड सारकोमा - यह एक ट्यूमर है जो अपरिपक्व श्वेत रक्त कणिकाओं से बना है। यह अस्थि मज्जा के बाहर होने वाली ल्यूकेमिक कोशिकाओं का ठोस संग्रह होता है।

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