तत्काल टिकट का सॉफ्टवेयर बनाने वाले चार शातिर नोएडा से गिरफ्तार

देवरिया की भटनी सीआइबी से मिले इनपुट के आधार पर हुई कार्रवाई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 11:47 PM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 05:10 AM (IST)
तत्काल टिकट का सॉफ्टवेयर बनाने वाले चार शातिर नोएडा से गिरफ्तार
तत्काल टिकट का सॉफ्टवेयर बनाने वाले चार शातिर नोएडा से गिरफ्तार

देवरिया, जेएनएन : कंफर्म तत्काल टिकट के लिए आइआरसीटीसी की वेबसाइट हैंग करने वाला सॉफ्टवेयर बनाने वाले चार शातिरों को रेलवे की क्राइम इंटेलीजेंस ब्रांच (सीआइबी) ने नोएडा से गिरफ्तार किया है। बलिया से गिरफ्तार युवक से मिले इनपुट को सीआइबी भटनी ने गाजियाबाद के रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) से साझा किया था। उन्होंने रविवार देर रात कार्रवाई के बाद सीआइबी भटनी के साथ उसे साझा किया। टीम को बाजार में बेचने के लिए तैयार आधा दर्जन प्रतिबंधित साफ्टवेयर व तत्काल ई-टिकट मिले हैं। गिरोह यूपी और बिहार समेत देश के कई हिस्सों में सॉफ्टवेयर बेचता था।

सीआइबी भटनी ने प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर बेचने के आरोप में रविवार रात बलिया के बांसडीह स्थित पिडहरा गांव निवासी अवनीश शर्मा को गिरफ्तार किया था। उसने बताया था कि वह नोएडा के एक इंस्टीट्यूट में काम करता है, जहां प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर बनते थे। सीआइबी भटनी के प्रभारी संजय कुमार राय ने आरपीएफ गाजियाबाद के प्रभारी निरीक्षक पीके नायडू व प्रभारी निरीक्षक सफदरगंज नितिन मेहरा को इनपुट उपलब्ध कराया। इसके बाद देर रात गाजियाबाद आरपीएफ की टीम ने दादरी स्थित सूरजपुर के साइट सी, एच ब्लाक में ग्लोबल इंस्टीट्यूट में छापेमारी की। टीम ने बिहार के छपरा निवासी रुपेश रावत व अनिल यादव, नोएडा के सादान अली और बादल सिंह को गिरफ्तार किया है। इनकी रही भूमिका

बीसीए करना वाला सादान अली वेब डिजाइनर है। अनिल यादव रैकेट का सरगना है। बादल सिंह व रुपेश यादव सॉफ्टवेयर बेचते हैं। इनके पास से छह प्रतिबंधित साफ्टवेयर और बेचने के लिए तैयार किए गए उनके लिंक मिले हैं। इस मामले में एक मुकदमा बलिया और दूसरा गाजियाबाद आरपीएफ में दर्ज हुआ है। कुछ और लोगों के बारे में इनपुट मिला है। उनकी तलाश की जा रही है।

- संजय कुमार राय, प्रभारी, सीआइबी भटनी

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