रात में रेल इंजन पर बैठकर अफसर देखेंगे- कोहरे में कैसे चलती हैं ट्रेनें

कोहरे में ट्रेनों का संचलन सुचारु करने के लिए रेलवे ने कमर कस ली है। रेलवे के अधिकारी ट्रेन के इंजन पर बैठकर ट्रेन संचलन में आने वाली दिक्‍कतों की रिपोर्ट तैयार करेंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 17 Dec 2018 11:29 AM (IST) Updated:Tue, 18 Dec 2018 10:01 AM (IST)
रात में रेल इंजन पर बैठकर अफसर देखेंगे- कोहरे में कैसे चलती हैं ट्रेनें
रात में रेल इंजन पर बैठकर अफसर देखेंगे- कोहरे में कैसे चलती हैं ट्रेनें

गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। कोहरे में ट्रेनों के संचलन और खराब मौसम के कारण दुर्घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए रेलवे ने प्लान तैयार किया है। रेलवे अधिकारी रात के समय फुट प्लेटिंग करेंगे। वे इंजनों पर चढ़कर रेल लाइनों की स्थिति और ट्रेन संचलन में आने वाली कठिनाइयों की रिपोर्ट तैयार करेंगे। जिसके आधार पर ट्रेनों को संचालित किया जाएगा।

फुट प्लेटिंग के दौरान अधिकारी इंजन के केबिन में लोको पायलटों के साथ चलेंगे। वे मौसम की स्थिति, ट्रेनों की गति और रेलवे ट्रैक की पड़ताल करते हुए चलेंगे। लोको पायलटों से सुझाव भी लेंगे।  दरअसल कोहरा में एक तो सामने कुछ दिखता नहीं, ऊपर से ठंड के चलते रेल की पटरियां सिकुड़ती रहती हैं। ऐसे में हर पल रेल फ्रैक्चर की आशंका बनी रहती है। पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में 16 से 31 दिसंबर तक फुट प्लेटिंग का अभियान चलेगा। अधिकारी भी नामित कर दिए गए हैं।

चुनौती है कोहरा में सुरक्षित ट्रेन चलाना

 कोहरा में ट्रेनों का समय से सुरक्षित संचलन रेलवे के सामने एक बड़ी चुनौती होती है। प्रत्येक वर्ष इस चुनौती से निपटने की योजना तैयार होती है। इस वर्ष भी कुछ गाडिय़ां प्रभावित रहेंगी। कुछ निरस्त हैं तो कई के फेरे कम कर दिए गए हैं। जो चलेंगी उन्हें समय से सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने की कवायद चल रही है। 

पायलटों को सतर्क करेगी फाग सेफ डिवाइस

कोहरा में लोको पायलटों को हर पल सतर्क करने के लिए सभी इंजनों में फाग सेफ डिवाइस लगाई जा रही हैं। यह डिवाइस 50 मीटर पहले ही स्टेशनों और सिग्नल की जानकारी दे देती है। डिवाइस के डिस्प्ले बोर्ड पर वीडियो सिस्टम के जरिये सभी सूचनाएं दिखती रहेंगी।

शुरू हुई निगरानी

पूर्वोत्‍तर रेलवे के मुख्‍य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव ने बताया कि संरक्षित व सुरक्षित यातायात के लिए सभी इंजनों में फाग सेफ डिवाइस लगाई जा रही है। परंपरागत उपकरणों का भी प्रयोग किया जा रहा है। फुट प्लेटिंग शुरू हो गई है। ट्रेन संचलन की निगरानी भी शुरू हो गई है।

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