Railway pass भी अब होगा ऑनलाइन, नहीं चलेगा जुगाड़ Gorakhpur News

रेलवे अब डिजिटल पास की तैयारी में भी जुट गया है। जल्द ही रेलकर्मियों को सुविधा पास की ऑनलाइन सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 07:30 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 07:30 PM (IST)
Railway pass भी अब होगा ऑनलाइन, नहीं चलेगा जुगाड़ Gorakhpur News
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गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे प्रशासन अब डिजिटल पास की तैयारी में भी जुट गया है। जल्द ही रेलकर्मियों को सुविधा पास की ऑनलाइन सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। पास बनवाने के लिए भागदौड़ से मुक्ति तो मिलेगी ही, रखरखाव का झंझट भी नहीं रहेगा। दुरुपयोग और फर्जीवाड़ा पर भी अंकुश लगेगा।

जारी हुआ दिशा निर्देश

रेलवे बोर्ड स्तर पर कर्मचारियों का डाटाबेस तैयार करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। नई व्यवस्था में जो पास बनेगा उसपर कर्मचारी का डिजिटल सिग्नेचर होगा। पास के आधार पर टिकट लेते समय बुकिंग क्लर्क सिग्नेचर का मिलान कर लेगा। यानी, अब कर्मचारी दूसरे को भेजकर आरक्षित टिकट नहीं बुक करा सकते हैं। उन्हें खुद काउंटर पर पहुंचना होगा। उनके पास का कोई दूसरा प्रयोग भी नहीं कर पाएगा। स्वयं कर्मचारी भी अपने का पास का न दुरुपयोग कर पाएंगे। पास बनाने में भी हीलाहवाली नहीं चलेगी। दरअसल, रेलवे का सिस्टम धीरे-धीरे डिजिटल प्लेटफार्म पर आ रहा है। टिकट से लगायत बुकिंग तक सबकुछ ऑनलाइन होने लगे हैं। हाजिरी भी बायोमीट्रिक मशीन से ऑनलाइन शुरू हो चुकी है।

रेलवे को उठाना पड़ रहा नुकसान

भारतीय रेलवे का ऑपरेटिंग रेशियो सुधर नहीं रहा। कैग ने रेल यात्री किराये में रियायतों के साथ खासतौर पर रेल अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाले पास को भी एक वजह माना है। रिपोर्ट में कहा गया कि रेलवे को किराए से होने वाली आय में 8.42 फीसद की कमी दर्ज की गई। रिपोर्ट के मुताबिक इन तीन साल के दौरान करीब 21.75 करोड़ यात्रियों ने लगभग 74 करोड़ रुपये की रियायत हासिल की है।

यह भी जानें

राजपत्रित अधिकारियों को एक साल में छह पास मिलते हैं। रिटायर होने पर तीन।  अराजपत्रित कर्मचारी को एक साल में तीन पास मिलते हैं। रिटायर होने पर दो। चतुर्थ श्रेणी कर्मी को एक साल में एक पीला और दो लाल पास मिलते हैं। रिटायर पर दो। रेलकर्मियों के पढऩे वाले बच्‍चों को भी मिलती है पास की सुविधा। राजपत्रित और अराजपत्रित रेलकर्मी को मिलती है एसी द्वितीय श्रेणी में यात्रा की सुविधा। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को मिलती है एसी तृतीय और स्लीपर श्रेणी में यात्रा की सुविधा।

रियायत के साथ बढ़ा माल लदान में रुझान

माल भाड़े में रियायत के साथ ही यात्री प्रधान पूर्वोत्तर रेलवे में अब सामानों की ढुलाई भी जोर पकडऩे लगी है। इस वर्ष पिछले साल की अपेक्षा 30 फीसद अधिक लोडिंग हुई है। रेलवे की आय में इजाफा तो हुआ ही है, कारोबारियों का रुझान भी बढ़ा है।

दरअसल, रेल मंत्रालय ने कारोबारियों की सहूलियत के लिए मालभाड़ा में रियायत दी है। एक अक्टूबर से जून के बीच लगने वाला बिजी सीजन चार्ज भी हटा दिया है। अब तक यह चार्ज 15 फीसद लिया जाता रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार इस अवधि में आयरन और पेट्रोलियम से जुड़े सामान पर छूट नहीं दी गई है। इसके बाद भी सामानों की ढुलाई पर कारोबारियों  को लाभ मिल रहा है।

रेल मंत्रालय ने कंटेनर ट्रैफिक पर राउंड ट्रिप चार्ज की घोषणा की है। इससे छोटी दूरी के लिए लगने वाले किराये में छूट मिल रही है। अब तक कारोबारियों को छोटी दूरी के लदान में भी लंबी दूरी के बराबर किराया देना पड़ रहा था। पूर्वोत्तर रेलवे में कुछ खास लोडिंग तो नहीं होती लेकिन थामसनगंज और सीतापुर में खाद्य सामग्री, अनाज, चीनी बांस आदि का लदान होता है। चौरीचौरा में भी हाफ रेक साइडिंग पर अनाज आदि का लदान होता है।

खाली कंटेनरों के प्रयोग पर भी छूट

रेल मंत्रालय ने खाली कंटेनरों के उपयोग को बढ़ाने के लिए किराए में रियायत प्रदान की है। खाली कंटेनर और बोगियों के प्रयोग पर 25 फीसद की छूट मिल रही है। रेलवे भी खाली कंटेनरों का उपयोग कर लेगा। नई व्यवस्था में कारोबारी सहित रेलवे को भी फायदा मिल रहा है।

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