कुशीनगर में जलभराव व कटान से बर्बाद हो गई एक हजार एकड़ केले की फसल

कुशीनगर में बारिश की वजह से खेतों में जलभराव और नारायणी की कटान से करीब एक हजार एकड़ केले की फसल बर्बाद हो चुकी है। इस पर किसान परेशान हैं। उनका कहना है कि अभी भी खतरा टला नहीं है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 31 Aug 2021 02:15 PM (IST) Updated:Tue, 31 Aug 2021 02:15 PM (IST)
कुशीनगर में जलभराव व कटान से बर्बाद हो गई एक हजार एकड़ केले की फसल
महदेवा खास टोला में कटान से बर्बाद केले की फसल देखकर चिंतित बैठी महिला। फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : लगातार बारिश की वजह से खेतों में जलभराव और नारायणी की कटान से करीब एक हजार एकड़ केले की फसल बर्बाद हो चुकी है। किसानों का कहना है कि अभी भी खतरा टला नहीं है। अगर बारिश होती रही तो आधा से अधिक फसल बर्बाद होने से इन्‍कार नहीं किया जा सकता।

9500 एकड़ में किसानों ने की है केले की बोआई

जिला कृषि अधिकारी प्यारेलाल ने बताया कि इस साल जिले में 9500 एकड़ क्षेत्रफल में किसानों ने केले की बोआई की है। खड्डा, नेबुआ नौरंगिया, विशुनपुरा, दुदही और सेवरही ब्लाक में किसानों ने केले की खेती की है। सर्वाधिक फसल खड्डा ब्लाक में बोई गई है। इस साल मई में ही बाढ़ की स्थिति बन गई थी, तबसे लगातार बारिश होती आ रही है। इससे खेतों में जलभराव हो गया है, जबकि खड्डा इलाके में नारायणी कहर बरपा रही है। दियारा और नदी के तटवर्ती गांवों में कटान से सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हुई है, जबकि लो-लैंड वाले गांवों में जलभराव बर्बादी का कारण बन रहा है। नौरंगिया के केशव कुशवाहा, दुदही के रामराज, छितौनी के सुरेश गुप्ता आदि ने कहा कि मौसम की मार से किसानों की पूंजी डूबने के कगार पर है। जिला कृषि अधिकारी ने स्वीकार किया कि लगभग एक हजार एकड़ केले की फसल बर्बाद हुई है। अभी इसका आकलन कराया जा रहा है।

सड़क पर लगा गंदा पानी, ग्रामीणों का प्रदर्शन

फाजिलनगर ब्लाक के गांव लवकुश पट्टी में देवपोखर से बेलवा को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर नाली और बारिश के पानी एकत्रित होने से लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। नाराज ग्रामीणों ने सड़क पर लगे गंदे पानी के बीच खड़ा होकर प्रदर्शन किया। आरोप है कि कुछ ग्रामीणों ने नाली को अपने घर के सामने मिट्टी डालकर भर दिया है, जिससे जल निकासी अवरुद्ध है। गंदगी की वजह से लोगों के घरों के सामने से सड़क पर पानी बह रहा है। मजबूरी में लोग उसी रास्ते अथवा दूसरे रास्ते से गंतव्य को जाते हैं। वहां के दिनेश प्रसाद, प्रमोद शर्मा, रामकुमार प्रजापति, विपिन शर्मा, रमावती देवी, कांता सिंह, इब्राहिम अंसारी, अमरेश प्रसाद कुशाल, दीपू, शिवपूजन आदि ने कहा कि गंदा पानी जमा होने से आवागमन में दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। गंदगी की वजह से संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है। चेताया कि समय रहते समाधान नहीं हुआ तों ग्रामीण सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होंगे। एडीओ पंचायत अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मामला संज्ञा में है। शीघ्र ही इसका समाधान कराया जाएगा।

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