मंडलायुक्‍त ने चिडि़याघर का किया निरीक्षण, शीघ्र पूरा करने का दिया निर्देश Gorakhpur News

उन्होंने कहा कि शीघ्र ही चिडिय़ाघर का काम पूरा कर लें। मंडलायुक्त ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के लिए प्राणी उद्यान में बने स्टालों पर गोरखपुर महराजगंज देवरिया एवं कुशीनगर के ओडीओपी उत्पाद रखे जाएं।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 12:06 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 12:06 PM (IST)
मंडलायुक्‍त ने चिडि़याघर का किया निरीक्षण, शीघ्र पूरा करने का दिया निर्देश Gorakhpur News
गोरखपुर के मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर का फाइल फोटो।

गोरखपुर , जेएनएन। मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने चिडिय़ाघर का निर्माण कर रही एजेंसी को दिसंबर के प्रथम सप्ताह में जेसीए द्वारा बताए गए सभी काम पूरा करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी के साथ चिडिय़ाघर का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उन्होंने कहा कि बिजली विभाग तारों को हटाने का कार्य 10 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही चिडिय़ाघर का काम पूरा कर लें। मंडलायुक्त ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के लिए प्राणी उद्यान में बने स्टालों पर गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया एवं कुशीनगर के ओडीओपी उत्पाद रखे जाएं।

जीडीए को हस्तांतरित होगी रामगढ़ताल परियोजना

चिडिय़ाघर के निरीक्षण के बाद मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारी ने रामगढ़ताल परियोजना के रख-रखाव को लेकर बैठक की। बैठक में तय हुआ कि इस परियोजना को गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) को हस्तांतरित किया जाएगा। इसके लिए एक रिक्वेस्ट आफ प्रपोजल (आरएफपी) बनाया जाएगा। इसी के तहत ताल में वाटर स्पोर्ट्स एवं अन्य गतिविधियां संचालित होगी। उससे होने वाली आय से रख-रखाव किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी होने तक जीडीए ताल का रख-रखाव करेगा। नगर निगम नया सवेरा परियोजना पर साफ-सफाई एवं स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था को देखेगा। इस कार्य में पर्यटन निगम वित्तीय सहयोग करेगा। मंडलायुक्त ने जीडीए एवं जल निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया कि संयुक्त रूप से निरीक्षण कर कार्यदायी संस्था परियोजनाओं की कमियों को दूर कराए।

दो अधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण

मंडलायुक्त ने निरीक्षण के दौरान बिजली से जुड़े कार्यों में लापरवाही बरतने पर नाराजगी जताई। इसके लिए उन्होंने बिजली विभाग के ट्रांसमिशन के अधिकारी तथा राजकीय निर्माण निगम के जीएम का स्पष्टीकरण लेने को कहा है। स्‍पष्‍टीकरण मिलने के बाद ही यह तय होगा कि उक्‍त दोनो अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए या नहीं। बहरहाल, अभी स्‍पष्‍टीकरण की ही बात चल रही है।

chat bot
आपका साथी