गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी मेले की अद्भुत छटा, गजब का दृश्य

गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी मेला में गजब की भीड़ थी। हर तरफ से लोग सीधे गोरखनाथ मंदिर आ रहे थे। शहर की सड़कों पर चलने वाले सीधे मंदिर जा रहे थे।

By Edited By: Publish:Wed, 16 Jan 2019 06:14 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jan 2019 06:14 AM (IST)
गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी मेले की अद्भुत छटा, गजब का दृश्य
गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी मेले की अद्भुत छटा, गजब का दृश्य
गोरखपुर, जेएनएन। अद्भुत थी मेले की छटा। गोरखनाथ मंदिर में पिछली एक जनवरी से सजा खिचड़ी मेला मकर संक्रांति के दिन मंगलवार को चरम पर था। वजह साफ है, मेले की औपचारिक शुरुआत मकर संक्रांति से ही मानी जाती है। श्रद्धालु गुरु गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाकर मेले को लुत्फ उठाए। मेले में तरह-तरह के झूले, खान-पान, सौंदर्य प्रसाधन, घरेलू सामान, फोटो स्टूडियो, हैरतअंगेज कारनामे लोगों को आकर्षित कर रहे थे।
श्रद्धालुओं ने पहले गुरु गोरक्षनाथ के दरबार में खिचड़ी चढ़ाई और फिर मेले की ओर रुख कर लिया। यह सिलसिला अल सुबह से लेकर देर रात तक चला। मेला परिसर में छोटी-बड़ी सैकड़ों दुकानें मकर संक्रांति के मुख्य मेले के लिए पूरी तैयारी के साथ सजी थीं। हर दुकानदार ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी ओर लुभाने में लगा था। झूले वाले अपने झूले को लगातार चला रहे थे तो जादू वाले लोगों को अपनी ओर लाउडस्पीकर के माध्यम से लुभा रहे थे। खानपान की दुकान वाले गानों का रिकार्ड बजा रहे थे। सौंदर्य प्रसाधन और रोजमर्रा के सामान की दुकान सजाए बैठे दुकानदार महिलाओं और युवतियों को अपने-अपने सामान की खूबियां बता कर आकर्षित कर रहे थे।
उन्हें अपने प्रयास में सफलता भी मिल रही थी। सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ सुबह से लेकर देर रात तक लगी रही तो झूले का लुत्फ बच्चों के साथ उनके माता-पिता भी लेते नजर आए। मौत का कुंआ व ज्वाइंट ह्वील ने लुभाया गोरखनाथ मंदिर के खिचड़ी मेले में लगा मौत का कुंआ लोगों को आकर्षित भी कर रहा था और अचंभित भी। मोटरसाइकिल व कार सवार कुएं की दीवार पर मोटरसाइकिल व कार तेजी से भगा रहे थे। इसके अलावा ज्वाइंट ह्वील और टोरा-टोरा झूले को लेकर बच्चों में विशेष आकर्षण दिखा। जंपिंग माउस और सेलम्बो झूला भी खूब पसंद आ रहा है। ऊंचे झूले पर शहर दर्शन के लिए भी लोगों की लंबी कतार देखी गई।
हालांकि बहुत से लोग उसपर बैठने के बाद डर कर चिल्लाते नजर आए। तेज रफ्तार से चलने वाले झूलों पर बैठे बच्चे भी उत्साह से शोर मचाते दिखे। खानपान के स्टाल पर लगी रही भीड़ मेले में जितने भी खानपान के स्टाल लगाए गए हैं, उन सभी पर मंगलवार को खिचड़ी के मुख्य मेले के दौरान बड़ी भीड़ दिखी। कुछ लोग बर्गर, डोसा, चाऊमीन का आनंद लेते दिखे तो कुछ की रुचि चाट-फुलकी में दिखी। मेले में खासतौर से बिकने वाले खजला और गरम-गरम जलेबी पर भी लोगों का खूब जोर दिखा। खूब लगा निशाना गुब्बारे पर निशाना लगाने के लिए लगे स्टाल पर सभी आयुवर्ग के लोगों को देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता था कि मेले के दौरान इस खेल का क्रेज आज भी बरकरार है।
पूरे दिन मेले में मौजूद ऐसे आधा दर्जन स्टालों पर निशाना लगाने के लिए कतार लगी रही और लोग इस खेल का लुत्फ उठाते रहे। फोटो स्टूडियो में सेल्फी खिचड़ी के मेले में पुरानी और नई परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिला। मेले में बनाए गए फोटो स्टूडियो में लोगों ने पहले फोटो खिंचवाई और फिर उसी स्थान पर सेल्फी लेकर मेले की याद संजोते दिखे। इस अद्भुत संगम का आनंद बड़ी संख्या में लोगों ने लिया। श्रद्धालुओं ने लिया बोटिंग का लुत्फ गोरखनाथ मंदिर परिसर स्थित भीम सरोवर में श्रद्धालुओं ने बोटिंग का भी मजा लिया। कई बोट सरोवर में लगाए गए थे। बोटिंग करने के लिए लोगों को टिकट लेकर इंतजार भी करना पड़ा। सरोवर में तैरते बतखों का समूह दृश्य को और मनोरम बना रहा था।
श्रद्धालुओं ने कहा विभिन्न प्रांतों व पड़ोसी देश नेपाल से बड़ी संख्या में श्रद्धालु गोरखनाथ बाबा को आस्था की खिचड़ी चढ़ाने आए थे। किसी की मनौती पूरी हुई थी तो कोई मनौती मानने आया था। मकर संक्रांति पर गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के लिए गोरखपुर के आसपास के इलाकों के श्रद्धालु तो पहुंचे ही, दूर-दराज से भी खिचड़ी लेकर बाबा के दरबार में पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि भगवान व भक्त के बीच दूरियां मायने नहीं रखती हैं। गोरखनाथ बाबा की महिमा अपरंपार है। वह सभी भक्तों पर अपनी कृपा समान रूप से लुटाते हैं। देवरिया जिला मुख्यालय की राम गुलाम टोला निवासी रेनू मिश्रा का कहना है कि मेरी तबीयत खराब थी, मैंने मनौती मानी थी। बाबा ने पूरी कर दी। पहली बार बाबा के दरबार में आई हूं। अब हर वर्ष आने की इच्छा है। इसी तरह नेपाल के भैरहवा निवासी परशुराम का कहना है कि मेरी तबीयत बहुत खराब थी।
दवा काम नहीं कर रही थी। गोरखनाथ बाबा को खिचड़ी चढ़ाने की मनौती माने तो ठीक हो गई। दर्शन के लिए आया हूं। गोरखपुर बनगाई निवासी निक्की का कहना है कि मैं यहां बहुत पहले से आ रही हूं। तीन साल पहले बच्चे का पैर टूटा था तो ठीक होने की मनौती मानी थी। अब वह अपने पैर पर चलने लगा है। जबकि बस्ती जिले के दिनेश सिंह का कहना है कि पहली बार मैं बाबा के दरबार में खिचड़ी चढ़ाने आया हूं।
तबीयत खराब थी, मनौती मानी तो ठीक हो गई। अब हर वर्ष बाबा का दर्शन करने आएंगे। बस्ती के ही देवता देवी का कहना है कि मैं 10 साल से लगातार बाबा को खिचड़ी चढ़ाने आती हूं। बाबा बिन मांगे बहुत कुछ दे देते हैं। मेरा पूरा परिवार बाबा का परम भक्त है। बस्ती जिले के ही राम चरित्र यादव का कहना है कि बाबा की महिमा अपार है। मैं 25 साल से खिचड़ी चढ़ाने यहां आता हूं। दर्शन से ही संतोष मिल जाता है। जब भी मनौती मानी, अवश्य पूरी हुई।
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