गोरखपुर में असलहाधारकों से तीन वर्ष में खर्च गोलियों का हिसाब लेगी पुलिस
बीते एक वर्ष में गोरखपुर जिले में 105 हत्याएं हो चुकी हैं। इसमें से अधिकांश हत्याएं गोली मारकर हुई हैं। हत्या के लिए अधिकांश मामलों में .32 बोर के कारतूस का प्रयोग हुआ है। पुलिस का मानना है .32 बोर का कारतूस आसानी से दुकानों पर उपलब्ध हो जाता है।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर में बढ़ती हत्याओं को काबू करने के लिए पुलिस ने एक रणनीति तैयार की है। पुलिस असलहा की दुकानों से पिछले तीन वर्षों में बिकी कारतूसों का हिसाब लेगी। पुलिस देखेगी कि इन कारतूसों का उपयोग कहीं हत्या अथवा फायङ्क्षरग करके दहशत फैलाने के लिए तो नहीं हो रहा है।
बीते एक वर्ष में गोरखपुर जिले में 105 हत्याएं हो चुकी हैं। इसमें से अधिकांश हत्याएं गोली मारकर की गई हैं। हत्या के लिए अधिकांश मामलों में .32 बोर के कारतूस का प्रयोग हुआ है। पुलिस का मानना है .32 बोर का कारतूस आसानी से दुकानों पर उपलब्ध हो जाता है। पुलिस का मानना बदमाश इसकी खरीददारी दुकानों से कर लेते हैं अथवा वह अपने किसी परिचित लाइसेंसी धारक से इसकी खरीददारी करते हैं। पिछले वर्ष की तमाम घटनाओं में पुलिस ने कारतूसों के खोखे भी बरामद किये हैं।
ऐसे गोरखपुर जोन पुलिस तीन दिन के भीतर दुकानों से यह जांच करेगी कि पिछले तीन वर्षों में किसे कितना कारतूस बेचा गया है। उसके 15 दिन के भीतर पुलिस संबंधित व्यक्ति की जांच करेगी कि उसने कारतूस का प्रयोग कहां किया है। पुलिस लाइसेंसी धारकों के बयानों का सत्यापन भी करेगी। यदि कोई झूठ बोलता मिला तो उसके विरुद्ध कार्रवाई भी होगी। पुलिस यह मान रही है कि बदमाश असलहे तो मुंगेर व अन्य क्षेत्रों से मंगा लेते हैं, लेकिन कारतूस वह सरकारी दुकानों व लाइसेंसी धारकों से ही लेते हैं।
जांच पड़ताल से इस पर अंकुश लगेगा ही। साथ ही पुलिस बदमाशों पर शिकंजा भी कस सकेगी। एडीजी अखिल कुमार का कहना है कि इसका आदेश जारी कर दिया गया है। प्रथम दिन में दुकानों का विवरण लिया जाएगा। उसके बाद 15 दिनों के भीतर लाइेंसधारक का सत्यापन किया जाएगा। उसके थानेदारों को अपनी-अपनी आख्या रिपोर्ट भेजनी होगी। उस आधार पर कोई संदिग्ध मिला तो उसके विरुद्ध कार्रवाई भी होगी।
चुनाव के दौरान भी 17627 हाथों में होंगे लाइसेंसी असलहे
ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस भले ही शत प्रतिशत असलहों को जमा कराने में जुटी हो, लेकिन जोन में 17627 ऐसे भी व्यक्ति हैं, जिनके पास चुनाव के दौरान भी असलहे रहेंगे। यह वह व्यक्ति हैं, जो जिले से बाहर रहते हैं। जिन्हें माल का विशेष डर है। कुछ व्यक्तियों की सुरक्षा डयूटी लगी हुई है। जोन में सिर्फ 66244 असलहे ही जमा करने योग्य हैं। इसमें 47376 असलहों को अभी तक जमा कराया जा चुका है।
जोन में शत प्रतिशत लाइसेंसी असलहों को जमा कराना पुलिस की प्राथमिकताओं में है। अभी तक 71 फीसद से अधिक असलहे जमा भी हो चुके हैं। जोन में जमा करने योग्य 66244 असलहों में से सिर्फ 18868 असलहों को जमा किया जाना शेष है। यह असलहे जमा भी हो जाएं तो 17627 व्यक्ति जोन में ऐसे रह जाएंगे, जिनके पास चुनाव के दौरान भी असलहा रहेगा।
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