एक साल में गोरखपुर को मिली 12 हजार करोड़ की सौगात, मजबूत हो रहा ढांचागत विकास- तेजी से आकर्षित हो रहे निवेशक
योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी गोरखपुर तेजी से विकसित हो रहा है। एक साल में यहां कई परियोजनाओं की सौगात मिली है। इन परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। इनकी समीक्षा नियमित होती है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल में भी तेजी से विकास हो रहा है। दूसरे कार्यकाल के पहले साल में गोरखपुर को करीब 12 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात मिली है। सड़क, नाली जैसी अवस्थापना सुविधाओं के साथ ही शिक्षा, चिकित्सा आदि क्षेत्रों में भी तेजी से काम हो रहा है।
सीएम योगी के दोबारा शपथ ग्रहण करने के बाद एक साल में गोरखपुर के हिस्से आई उपलब्धियों पर नजर डालें तो करीब डेढ़ दर्जन बार उनकी मौजूदगी में विकास परियोजनाओं के शिलान्यास-लोकार्पण समारोह हुए। शुरुआत मई में हुई। मई महीने से लोकार्पण व शिलान्यास का दौर शुरू हुआ तो अबतक जारी है। ट्रांसपोर्टनगर से पैडलेगंज सिक्सलेन फ्लाईओवर एवं देवरिया बाईपास पर फोरलेन बाईपास फ्लाईओवर का काम शुरू हो चुका है।
इसी तरह खजांची चौराहे पर पादरी बाजार-बरगदवा फोरलेन पर फ्लाईओवर के निर्माण का काम भी चल रहा है। शहर की बड़ी आबादी को जलभराव से मुक्ति दिलाने एवं 44 हजार घरों से निकलने वाले गंदे पानी के निस्तारण के लिए करीब 1700 करोड़ रुपये की लागत से गोड़धोइया नाला परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है। देवरिया बाईपास के फोरलेन में चौड़ीकरण, पैडलेगंज से फिराक चौक तक फोरलेन सड़क आदि परियोजनाओं को भी हरी झंडी मिल चुकी है।
सरकार से मिली इन विकास परियोजनाओं के साथ शासकीय पहल से हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड की तरफ से स्वास्थ्य सुदृढ़ीकरण के क्षेत्र में भी दिए गए योगदान में सीएम योगी का मार्गदर्शन मिला। सीएम ने छह मार्च को जंगल कौड़िया व चरगांवा (खुटहन) सीएचसी पर पीडियाट्रिक आइसीयू का लोकार्पण किया। सीएम ने सालभर विकास की सौगात देने के साथ ही प्रदेश के बजट में भी गोरखपुर के लिए खास प्रावधान किए।
मुख्यमंत्री की पहल पर गोरखपुर के खाते में भरपूर उपब्धियां
बीते छह साल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गोरखपुर के खाते में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज हैं। खाद कारखाना, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर की स्थापना का श्रेय उनके नाम है तो उन्होंने प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय, सैनिक स्कूल, अटल आवसीय विद्यालय, बीआरडी मेडिकल कालेज में सुपर स्पेशलिटी, वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह, फोरेंसिक लैब, पीएसी की महिला बटालियन, ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर, प्रदेश के पहले हाईटेक थाना जैसी अनेकानेक परियोजनाओं से गोरखपुर की झोली भर रखी है। उनकी पहल पर धर्मस्थलों को संवार कर पर्यटन का केंद्र बना दिया गया है तो दशकों तक उपेक्षित रहा रामगढ़ताल आज पर्यटन के नक्शे पर नजीर के रूप में चमक रहा है।