भगवान भरोसे है आधी आबादी की सेहत

स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में आधी आबादी के इलाज का मुकम्मल इंतजाम नहीं है। आठ पीएचसी व एक सीएचसी पर सिर्फ एक महिला चिकित्सक की तैनाती है। योगी सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार को लेकर कई घोषणा की थी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 06:30 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 06:30 AM (IST)
भगवान भरोसे है आधी आबादी की सेहत
भगवान भरोसे है आधी आबादी की सेहत

सिद्धार्थनगर : स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में आधी आबादी के इलाज का मुकम्मल इंतजाम नहीं है। आठ पीएचसी व एक सीएचसी पर सिर्फ एक महिला चिकित्सक की तैनाती है। योगी सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार को लेकर कई घोषणा की थी। जिससे आम लोगों में सस्ते स्वास्थ्य सुविधा की आस जगी। परन्तु साढ़े चार वर्ष बाद भी पूरे ब्लाक में एक मात्र महिला चिकित्सक की तैनाती यह दर्शाता है कि आधी आबादी की सेहत को लेकर सरकार कितनी सतर्क है। कहने को तो डुमरियागंज ब्लाक में करोड़ों की लागत से आठ नए पीएचसी व एक सीएचसी संचालित है, परन्तु सिर्फ एकमात्र आयुष चिकित्सक ही विभाग तैनात कर पाया है। जबकि ब्लाक में करीब 1.75 लाख आबादी महिलाओं की है। जिन्हें दिक्कत होने पर या तो पुरुष डाक्टर या बस्ती,सिद्धार्थनगर जाना पड़ता है।

ब्लाक में स्वास्थ महकमे ने लोगों के इलाज के लिए बेवां स्थित सीएचसी के साथ ही नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी चा़फा, भवानीगंज, चकचई, डुमरियागंज, रसूलपुर, नौउवा गांव, देईपार, अजगरा आदि संचालित कर रखा है। जिनमे महिला डाक्टर के नाम पर एक मात्र चिकित्सक सलमा हमीद ही सीएचसी पर तैनात हैं। रंजना द्विवेदी ने कहा कि कस्बे में महिलाओं के इलाज की व्यवस्था लंबे समय से प्राइवेट अस्पतालों के भरोसे है, हमें सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए नौगढ़ अथवा बस्ती जाना पड़ता है। कबरा देवी ने कहा कि नौउवा गांव हमारा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र है। यहां पर किसी भी महिला डाक्टर की तैनाती नहीं है। बेवां जाने पर एक ही महिला चिकित्सक हैं। जिन्हें दिखाने में नाको चने चबाने पड़ते हैं। तिलका देवी ने कहा कि रसूलपुर अस्पताल में वर्षो से महिला चिकित्सक की तैनाती नहीं है। हम लोग वर्षो से मांग कर रहे हैं कि महिला डाक्टर की तैनाती हो, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

सुनैना का कहना है कि डुमरियागंज के सरकारी अस्पतालों में महिला डाक्टर न होने से हम लोगों को काफी दिक्कत झेलनी पड़ती है। गंभीर बीमारी होने पर बस्ती - गोरखपुर, लखनऊ दौड़ना पड़ता है। सीएचसी अधीक्षक डा. वीएन चतुर्वेदी ने कहा महिला चिकित्सक एकमात्र आयुष की तैनाती है। उपलब्ध संसाधन से महिला मरीजों का इलाज किया जाता है। महिला चिकित्सक के लिए विभाग से कई बार लिखा पढ़ी की गई है।

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