फसलों का नुकसान देख किसान चितित

मूसलधार बारिश से खेतों में धान की फसल गिर गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 06:17 AM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 06:17 AM (IST)
फसलों का नुकसान देख किसान चितित
फसलों का नुकसान देख किसान चितित

जागरण संवाददाता, हर्रैया, बस्ती : 36 घंटे की लगातार बारिश से जहां एक तरफ जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ, तो दूसरी ओर फसलों को भी नुकसान हुआ। तैयार फसल के खेतों में गिर जाने से किसान चितित हैं।

खराब मौसम के चलते हर्रैया और आसपास के प्रमुख बाजारों में गुरुवार को भी सन्नाटा पसरा था। आवश्यक वस्तुओं के लिए लोग भीगते हुए बाहर निकले। वहीं तैयार होने की कगार पर पहुंची गन्ना और धान की फसलें खेतों में गिर गई है। अभी नुकसान के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन बरसात ऐसे होती रही तो किसान फिर मायूस हो जाएंगे। राम सूरत चौधरी, राजकुमार वर्मा, विनय सिंह ने बताया कि बारिश से जमीन दलदल हो गई है। ऐसे में तेज हवा चली तो धान और गन्ने की फसल जमीन पकड़ लेगी। जिससे पैदावार प्रभावित हो जाएगा। महाराजगंज संवाददाता के अनुसार बारिश के चलते किसानों को उनकी फसल के गिरने का डर सता रहा है। खरीफ सीजन में मौसमी बारिश होने से किसानों को काफी राहत मिली थी। अंतिम समय में मौसम का मिजाज बदलने से अचानक फसल बर्बाद होने की आशंका बढ़ गई है। कोदई निवासी प्रदीप ने कहा कि सांभा धान की फसल काफी अच्छी है। लेकिन डंठल गिरने से नुकसान हो रहा है। धर्मेंद्र कुमार ने भी चिता जताई है।

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खेतों में भर गया पानी

दुबौलिया विकास क्षेत्र में तटबंध और रामजानकी मार्ग के बीच बाढ़ के पानी का रिसाव होने से खेतों में पानी भर गया है। रामजानकी मार्ग चौड़ीकरण के लिए खोदी गई पटरिया पानी से भर गई है। नागरिकों और व्यापारियों में नाराजगी है। दुबौलिया कस्बे के धर्मपुर चौराहे पर एक हफ्ते पहले खोदाई हुई थी। लेकिन गिट्टी नहीं डाली गई थी।

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मुआवजे की उठी मांग

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं उ.प्र. आवास विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह ने जिलाधिकारी के माध्यम राज्यपाल को आनलाइन ज्ञापन भेजा है। उन्होंने बारिश की वजह से फसलों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति दिलाने की मांग उठाई है। कहा कि बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है।

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