अभियान..बाल गृह बालिका कांड के बाद आगे आने से कतरा रहीं संस्थाएं

पौने दो साल बाद भी शिशु गृह के लिए आगे नहीं आईं केवल खुला आश्रय स्थल व उपयुक्त संस्था को मिली मान्यता

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 05:44 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 05:44 AM (IST)
अभियान..बाल गृह बालिका कांड के बाद आगे आने से कतरा रहीं संस्थाएं
अभियान..बाल गृह बालिका कांड के बाद आगे आने से कतरा रहीं संस्थाएं

जागरण संवाददाता, देवरिया: जिले में चर्चित रहे बाल गृह बालिका कांड के बाद गैर सरकारी संस्थाएं बच्चों की मदद में आगे आने से परहेज कर रही हैं। पौने दो साल में अभी तक शिशु गृह व विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण खोलने के लिए कोई संस्था तैयार नहीं हुईं। कुछ संस्थाओं ने प्रयास भी किए तो मानक पूरा न होने से जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय की तरफ से उन्हें अनुमति नहीं दी गई। फिलहाल जिले में दो गैर सरकारी संस्थाएं ही इस कार्य में लगी हैं। शहर के भीखमपुर रोड स्थित गैर सरकारी संस्था खुला आश्रय स्थल पाथ में कूड़ा-कचरा बीनने वाले, भीख मांगने वाले 10 से 18 वर्ष के बालकों व किशोरों को केवल दिन में सुबह 10 बजे से पांच बजे तक रहने की व्यवस्था है। बालकों व किशोरों को भोजन के अलावा पढ़ाई का इंतजाम है। इसके अलावा सीसी रोड स्थित श्याम सुंदर मेमोरियल वेलफेयर सोसाइटी की तरफ से संचालित उपयुक्त संस्था में आवासीय इंतजाम हैं। यहां फिलहाल सात से 18 वर्ष की बालिकाओं को रखा जाएगा।

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चार साल पहले संचालित थीं संस्थाएं जिले में चार साल पहले बच्चों के लिए काम करने वाली संस्थाएं संचालित थीं। मां विध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान की तरफ से संचालित बाल गृह बालिका, बाल गृह शिशु, विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण एवं स्वाधार गृह देवरिया की मान्यता को शासन ने जून 2017 में स्थगित कर दिया था। इसके बाद भी संस्था में बालिकाएं, शिशु व महिलाओं को रखा जा रहा था। जिसके चलते अगस्त 2018 में पुलिस प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए संस्था अध्यक्ष गिरिजा त्रिपाठी व उनके स्वजन के खिलाफ शिकंजा कस दिया।पहले एसआइटी जांच फिर सीबीआइ जांच कर रही है। देवरिया कांड पूरे देश में सुर्खियों में बना था। सीबीआइ ने बच्चों के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं के लिए तय मानक की जानकारी विभाग से कई बार प्राप्त की है। जिसके चलते विभाग ने मानक पूरा न करने वाली संस्थाओं से दूरी बना लिया है। ऐसी संस्थाओं को मान्यता देने से परहेज कर रही है।

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कुछ संस्थाओं ने शिशु गृह के लिए आवेदन किया है। मानक पूरा न करने के कारण उन्हें अनुमति नहीं दी जा रही है। जो संस्था मानक पूरा करेगी। उसे संचालन की अनुमति दी जाएगी।

प्रभात कुमार

जिला प्रोबेशन अधिकारी

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