मंच पर आईं, हाथ हिलाईं और मुस्कराने के बाद बोलीं दीपिका चिखलिया Gorakhpur News
दीपिका ने हाथ हिलाकर सभी का मुस्कराते हुए अभिवादन किया। उसके बाद उन्होंने अति संक्षेप में कहा कि गोरखपुर प्रतिभाओं की धरती है। इस संस्था के माध्यम से प्रतिभाओं को बेहतर कार्य करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने 21 महिलाओं को वीरांगना सम्मान से सम्मानित किया।
गोरखपुर, जेएनएन। रामायण सीरियल में सीता माता की भूमिका निभाने वाली दीपिका चिखलिया व नेपाली फिल्मों के सुपर स्टार शिव श्रेष्ठ के हाथों 21 महिलाएं वीरांगना सम्मान से सम्मानित हुईं। गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय सचिव द्वारिका तिवारी को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया। कुल 60 लोगों को सम्मानित किया गया। समारोह सरस्वती विद्या मंदिर, आर्यनगर में महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य करने वाली संस्था 'वीरांगना के तत्वावधान में आयोजित था।
दीपिका ने हाथ हिलाकर सभी का मुस्कराते हुए अभिवादन किया। उसके बाद उन्होंने अति संक्षेप में कहा कि गोरखपुर प्रतिभाओं की धरती है। इस संस्था के माध्यम से प्रतिभाओं को बेहतर कार्य करने का अवसर मिलेगा। शिव श्रेष्ठ ने सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। श्रीपारस नाथ दिगंबर जैन सोसाइटी के अध्यक्ष पुष्पदंत जैन ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
रामायण सीरियल में अपने सशक्त अभिनय से लोगों के मन में भगवान राम और माता सीता की छवि बनाने वाले अभिनेता अरुण गोविल और अभिनेत्री दीपिका चिखलिया को गोरखपुर में साथ आना था। दोनों दिग्गज कलाकार सरस्वती विद्यालय मंदिर में आयोजित वीरांगना सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। पर अरुण गोविल किन्हीं कारणों से नहीं आ सके।
वीरांगना संस्था की ओर से आयोजित होने वाले इस समारोह के बारे में संस्था के संस्थापक विशाल कश्यप ने बताया कि इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य करने वाली देश भर की महिलाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर सदर सांसद रवि किशन भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था वीरांगना महिलाओं का सशक्त संगठन है, जो वीरांगनाओं के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है। इस पुरस्कार के लिए चयन भी वीरांगनाओं के पैनल द्वारा ही किया गया है। विशाल ने बताया कि आयोजन के दौरान कोविड प्रोटोकाल का पालन किया गया। मास्क के बिना कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी। आयोजन में अधिकतम 100 व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था की गई थी।