Coronavirus Cocktail Vaccine: काकटेल डोज के असर की जांच के लिए होगा तुलनात्मक अध्ययन

Coronavirus Cocktail Vaccine and also Antibody Test सिद्धार्थनगर में गलती से कुछ लोगों को दोनों वैक्सीन की एक-एक डोज लगा दी गई। इस काकटेल डोज वालों के एक समूह के नमूनों का अध्ययन शुरू हो गया है। उसे पुणे भेज दिया गया है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 06:35 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 06:35 PM (IST)
Coronavirus Cocktail Vaccine: काकटेल डोज के असर की जांच के लिए होगा तुलनात्मक अध्ययन
कोरोना वैक्‍सीन के काकटेल नमूने की जांच से संबंधित फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) अब कोरोना रोधी वैक्सीन लगवा चुके तीन समूहों के नमूनों का अध्ययन करेगा। अभी यहां कोविशील्ड व कोवैक्सीन दो ही वैक्सीन लगाई जा रही है। नियमत: दोनों की दो-दो डोज एक व्यक्ति को लगाई जानी है। लेकिन सिद्धार्थनगर में गलती से कुछ लोगों को दोनों वैक्सीन की एक-एक डोज लगा दी गई। इस काकटेल डोज वालों के एक समूह के नमूनों का अध्ययन शुरू हो गया है। अब जिन्हें नियम के अनुसार एक-एक वैक्सीन की दो-दो डोज दी गई है। उस समूह के भी 40-40 लोगों के नमूने लिए जाएंगे। तीनों समूहों में एंटीबाडी की जांच की जाएगी। यह भी पता किया जाएगा कि एंटीबाडी कितने समय तक बन रही है। इसलिए कुछ माह के अंतराल पर सभी के नमूने पूरे साल लिए जाएंगे।

पुणे भेजे गए 20 लोगों के नमूने

सिद्धार्थ नगर में गलती से जिन्हें काकटेल डोज लगा दी गई है। उन 20 लोगों के नमूने लेकर आरएमआरसी ने नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी), पुणे भेज दिया है। साथ ही अब कोविशील्ड व कोवैक्सीन की दो डोज लेने वाले समूहों में से 40-40 लोगों के नमूने लेने की तैयारी की जा रही है। तीनों समूहों के नमूनों का तुलनात्मक अध्ययन कर यह पता किया जाएगा कि किस समूह के कितने फीसद लोगों में एंटीबाडी बनी है। सभी समूहों के लोगों का टीकाकरण पूरा होने के बाद 45 दिन, 90 दिन, 180 दिन व 365 दिन पर नमूने लिए जाएंगे, ताकि यह भी पता चल सके कि एंटीबाडी कितने समय बाद बन रही है और कितने समय तक यथावत है।

शोध में शामिल होगा खान-पान, रहन-सहन

जिन लोगों के नमूनों पर शोध होगा, उनके खान-पान व रहन-सहन की भी पड़ताल की जाएगी। ताकि पता चल सके कि किस माहौल में रहने, शाकाहारी या मांसाहारी भोजन करने व नशे का सेवन करने वालों में एंटीबाड़ी का स्तर क्या है। आरएमआरसी के निदेशक डा. रजनीकांत का कहना है कि तीनों समूहों के नमूनों का अध्ययन करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। यदि काकटेल डोज वालों में ज्यादा एंटीबाडी मिली और ज्यादा समय तक रही तो सिद्धार्थ नगर में हुई गलती वरदान साबित हो सकती है। शीघ्र ही कोविशील्ड व कोवैक्सीन की दो-दो डोज लेने वालों के भी नमूने लिए जाएंगे।

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