देवरिया में भेड़ी के समीप बोल्डर पिचिंग धंसा, खुल गई निर्माण कार्य की पोल

रुद्रपुर क्षेत्र के सर्वाधिक लंबे तिघरा-मराक्षी तटबंध पर भेड़ी ग्राम पंचायत के समीप बोल्डर पिचिंग कार्य के गुणवत्ता की पोल खुल गई है। राप्ती नदी का उच्चतम जलस्तर कम होते ही करीब 100 मीटर से अधिक बोल्डर पिचिंग पूरी तरह धंस गई है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 02 Oct 2021 06:10 PM (IST) Updated:Sat, 02 Oct 2021 06:10 PM (IST)
देवरिया में भेड़ी के समीप बोल्डर पिचिंग धंसा, खुल गई निर्माण कार्य की पोल
देवरिया खास जाने वाली सड़क पर जमा बारिश का पानी। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : रुद्रपुर क्षेत्र के सर्वाधिक लंबे तिघरा-मराक्षी तटबंध पर भेड़ी ग्राम पंचायत के समीप बोल्डर पिचिंग कार्य के गुणवत्ता की पोल खुल गई है। राप्ती नदी का उच्चतम जलस्तर कम होते ही करीब 100 मीटर से अधिक बोल्डर पिचिंग पूरी तरह धंस गई है, जिसका निर्माण कार्य बरसात के पहले गांव की दलित बस्ती के समीप 4.53 करोड़ की लागत से कराया गया था।

गांव को बचाने के लिए लगाए गए थे बोल्डर पिचिंग और ठोकर

ग्रामीणों का कहना है कि गांव को बचाने के लिए निरोधात्मक उपाय के लिए बोल्डर पिचिंग और ठोकर लगाए गए थे। जो नदी के धारा को पहली बार ही नहीं रोक सके और विलीन हो गए। गांव के लोगों की सक्रियता से इस भार तटबंध टूटने से तो किसी तरह बच गया।

पिचिंग के निचले सतह के किनारे धंस गया बोल्डर

बोल्डर पिचिंग के निचले सतह के किनारे से न होने के कारण पूरी तरह धंस गई, जिसे देख गांव के लोग काफी परेशान हैं।

नदी कटान करते हुए आ चुकी है गांव के करीब

ग्रामीणों का कहना है कि नदी कटान करते गांव के करीब आ चुकी है। बोल्डर पिचिंग सही तरीके से नहीं होने से काफी दिक्कत हो रही है। अगर समय रहते इसको नहीं बनवाया गया तो गांव को बचा पाना मुश्किल होगा। ग्रामीण राम सेवक, रामकेवल, बृजलाल, छोटेलाल, मंटू प्रसाद, छविराज, मंटू, राजेंद्र, रामकिशुन, नथूनी, मुन्ना, तिलकधारी, रामसकल कहते हैं कि अगर बनाते समय मानक के अनुसार काम किया गया होता तो यह हालत नहीं होती।

जलस्तर उच्चतम स्तर जाने के कारण क्षतिग्रस्त हुई बोल्डर पिचिंग

देवरिया में बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता एन के जड़िया ने कहा कि जलस्तर उच्चतम स्तर तक जाने के कारण बोल्डर पिचिंग क्षतिग्रस्त हुई है। इसकी मरम्मत के लिए ठेकेदार को निर्देश दिया गया है। जल्द काम शुरू हो जाएगा। कटान रोकने के लिए हरसंभव मुकम्मल इंतजाम किए जाएंगे।

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